राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में साहित्य, कला और कविता प्रेमियों के मंच 'साहित्य आजतक' का आगाज हो गया है. साहित्य आजतक 2018 के पहले दिन के आखिरी सत्र में मशहूर कव्वाल 'पद्मश्री' पूरनचंद वडाली ने समां बांधा. उनके साथ उनके बेटे लखविंदर वडाली ने भी कव्वालियां सुनाकर दर्शकों का मन मोह लिया. दोनों की जोड़ी ने '...तेरा नाम' कव्वाली से जैसे ही शुरुआत की तो दर्शक भी झूमने लगे.