साहित्य आजतक का आज दूसरा और आखिरी दिन है. साहित्य आजतक के मंच पर कई मुद्दों के बारे में चर्चा की गई. और जब बारी रंगमंच की आई तो रंगमंच और उससे जुड़ी चुनौतियों के बारे में कई बातें पता चलीं. देखें.