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'अंधेरी राह में जलते चिराग़ की तरह है साहित्य आजतक', बोले शायर आलोक श्रीवास्तव

'अंधेरी राह में जलते चिराग़ की तरह है साहित्य आजतक', बोले शायर आलोक श्रीवास्तव

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में रंगा-रंग कार्यक्रम 'साहित्य आजतक' सेलिब्रेट किया गया. इस दौरान हिंदू और उर्दू से जुड़े कई धुरंधर तशरीफ़ लाए. साहित्य आजतक में वक्ता के तौर पर शामिल होने के लिए आए शायर और गीतकार से हमारी बातचीत हुई. इस दौरान उन्होंने साहित्य, सियासत और मौजूदा दौर में हो रही पोएट्री पर चर्ची की.

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