साहित्य आजतक के मंच पर कवि, गीतकार और लेखक प्रसून जोशी ने अपनी पहली कविता सुनाई. उन्होंने बताया कि यह कविता मृत्यु के सौंदर्य को दर्शाती है. वो साहित्य आजतक के दूसरे दिन के पहले सत्र 'रहना तू, है जैसा तू' में बोल रहे थे.