सोनरूपा विशाल ने आज तक के कवि सम्मेलन में अपनी शायरी से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. उन्होंने प्रेम, वीरता और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर आधारित कविताएं प्रस्तुत कीं. बदायूं की इस होनहार कवयित्री ने अपने पिता राष्ट्रीय कवि उर्मिलेश शांकेधर की विरासत को बेहतरीन तरीके से आगे बढ़ाया.