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जो वतन के वास्ते खून से सनी रहीं, वर्दियां ये वर्दियां: सैनिकों के सम्मान में कवि सुदीप भोला का गीत

जो वतन के वास्ते खून से सनी रहीं, वर्दियां ये वर्दियां: सैनिकों के सम्मान में कवि सुदीप भोला का गीत

सैनिकों के सम्मान में जब आजतक के मंच पर कवि सुदीप भोला ने सुनाया यह गीत तो मंचासीन कवियों के साथ श्रोताओं की भी आंखें भर आईं. साहित्य आजतक में सुनिए राष्ट्रभक्ति में डूबी उनकी यह कविता- 'जो वतन के वास्ते खून से सनी रहीं, वर्दियां ये वर्दियां, सैनिकों की वर्दियां, सिपाहियों की वर्दियां'

Sudeep Bhola ki Deshbhakti men dubi kavita, Vardiyan ye vardiyan sipahiyon kee vardiyan

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