गले लग जाता हूं मां के तो मौसी मुस्कुराती है
मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूं तो हिंदी मुस्कुराती है
मुनव्वर राना ने अपने इस शेर में उर्दू और हिंदी के रिश्ते को बखूबी बयान किया है. अगर आपको भी उर्दू ज़ुबान मीठी लगती है, पर कम्बख़्त समझ में कम आती है, तो हम आपके लिए उर्दू क्लास लेकर आए हैं. मकसद यही है कि आप बॉलीवुड गीतों में अकसर इस्तेमाल होने आसान लफ़्ज़ों के मानी समझ सकें.
उम्मीद है इसके बाद आपको गाने सुनते हुए किसी शब्द का मतलब पता करने के लिए गूगल करने की जरूरत नहीं होगी. साथ ही अगली बार जब कोई दोस्त किसी शब्द पर अटकेगा, तो उसके सामने आप अपने 'ज्ञान' की शेखी भी बघार पाएंगे.
इस बार एक जैसे होकर भी थोड़े अलग अर्थों वाले तीन शब्दों की भी बात करते हैं. ये हैं गुज़ारिश, इल्तजा और फरियाद.
शब्द 1: गुज़ारिश
अर्थ: प्रार्थना, अनुरोध
संदर्भ: किसी से रिक्वेस्ट की जाए तो उसे गुज़ारिश करना कहते हैं. शाब्दिक अर्थ में ही इस्तेमाल होता है. निवेदन या अनुरोध में वैसी रिदम नहीं है, जैसी एक गीत में फिट होने के लिए जरूरी होती है. इसलिए गीतकार भाई 'गुज़ारिश' का इस्तेमाल ज़्यादा कर लेते हैं.
गीत: तू मेरी अधूरी प्यास प्यास, तू आ गई मन को रास रास
अब तो तू आजा पास पास, है गुजारिश
शब्द 1: इल्तजा
अर्थ: प्रार्थना, अनुरोध
संदर्भ: आसान शब्दों में इस तरह समझ लीजिए कि 'रिक्वेस्ट' की सुपरलेटिव डिग्री को इल्तजा कहते हैं. जब आपके निवेदन में 'निवेदन भाव' कुछ ज्यादा हो तो 'इल्तजा' उसके लिए सही शब्द होगा.
गीत: तन्हा दिल भूल जा
इस आंसू से किसको क्या हुआ हासिल
माना कहना है आसान
निभाना है मुश्किल
फिर भी ऐ यार मेरे
सुल ने मेरी इल्तजा
छोटी सी इल्तजा मेरे यार मान जा
छोटी सी इल्तजा मेरे यार मान जा
मुझे छोड़ने से पहले, एक बार आ गले से लग जा
शब्द 3: फरियाद
अर्थ: याचना
संदर्भ: अर्थ के स्तर पर ये 'निवेदन' और 'अनुरोध' के पिताजी हैं. मतलब यह कि यहां निवेदन करने वाला याचक की भूमिका में है और जिससे निवेदन किया जा रहा है वह तमाम आधारों पर याचक से 'श्रेष्ठ' स्थिति में है. मसलन यूं कि मार खाया हुआ चोर भीड़ से अपनी जान बख्शने की फरियाद करता है. या जहांपनाह के दरबार में कोई सेवक अपनी कोई फरियाद लेकर आता है.
गाना: कोई फरियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे
तूने आंखों से कोई बात कही हो जैसे
जागते जागते एक उम्र कटी हो जैसे
जान बाकी है मगर सांस रुकी हो जैसे
शब्द 4: बज़्म
अर्थ: महफिल
संदर्भ: जहां चार-छह लोग बैठे हों और बतकही जारी हो, उसे इस दौर में आप बज़्म कह सकते हैं. इसका इस्तेमाल कई संदर्भों में किया गया है, किया जाता है. मसलन 'बज़्म-ए-शायरी' का मतलब शायरी के लिए हुए जुटान से है. लेकिन 'बज़्म-ए-दुनिया' एक साहित्यिक प्रयोग है, जिसका अभिधा में अर्थ 'दुनिया' से ही है.
गाना: ज़िंदगी जब भी तेरी बज़्म में लाती है हमें
ये ज़मीं चांद से बेहतर नज़र आती है हमें
शब्द 5: हर्फ
अर्थ: वर्णमाला का अक्षर
संदर्भ: क, ख, ग- ये हिंदी वर्णमाला के हर्फ हैं. गीतकारों ने 'हर्फ' को कई संदर्भों में इस्तेमाल किया है. मसलन- 'उसके उदास होठों से एक हर्फ न फूटा.' इसका यह मानी नहीं है कि भाई वर्णमाला की मौखिक परीक्षा में फेल हो गया है. मतलब यह है कि वह खामोश खड़ा रहा-बिना कुछ बोले.
गाना: कभी आयतों में पढ़ा तुझे
कभी हर्फ हर्फ लिखा तुझे
कभी दिल से तुझको पुकार के
कोई शेर अपना सुना दिया
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