द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद देश की संस्कृति को पुनर्जीवित करने तथा लोकतांत्रिक मूल्यों के संवर्धन में उनका योगदान सराहनीय रहा है.
ग्रास मात्र 17 वर्ष की उम्र में हिटलर यूथ (नाजी पार्टी का युवा संगठन) के रूप में द्वितीय विश्व युद्ध के गवाह बने. बाद में वह नाजी स्पेशल फोर्स यूनिट वाफेन-एसएस में शामिल हो गए.
साहित्य के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने 1952 में की. उन्होंने नाटक, कविता और उपन्यास लिखे. उनकी रचनाओं की सूची बेहद लंबी है, जिसमें ‘कैट एंड माउस’, ‘डॉग इयर्स’, ‘द टिन ड्रम’, ‘डांस्क ट्राइलॉजी’, ‘लोकल एनेस्थेटिक’, ‘फ्लाउंडर’, ‘द रैट’, ‘द कॉल ऑफ द टोड’ तथा ‘क्रैबवॉक’ जैसी रचनाएं हैं.
उनकी रचना ‘टिन ड्रम’ पर वोल्कर स्क्लोनडॉर्फ ने 1979 में एक फिल्म बनाई, जिसने ऑस्कर जीता.