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नोबेल पुरस्कार विजेता गुंटर ग्रास का निधन

नाजी शासन के अत्याचारों के दौरान आवाज उठाने वाले और बाद में इजरायल के प्रति रुख को लेकर खुद ही विवादों में फंसने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता जर्मन लेखक गुंटर ग्रास का निधन हो गया.

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Nobel price laureate for literature Gunter Grass
Nobel price laureate for literature Gunter Grass

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नाजी शासन के अत्याचारों के दौरान आवाज उठाने वाले और बाद में इजरायल के प्रति रुख को लेकर खुद ही विवादों में फंसने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता जर्मन लेखक गुंटर ग्रास का निधन हो गया. साहित्य के क्षेत्र में 1999 में नोबेल पुरस्कार विजेता जर्मनी के जानेमाने उपन्यासकार, कवि, नाटककार व मूर्तिकार गुंटर ग्रास का सोमवार की सुबह लुइबेच अस्पताल में निधन हो गया. वह 87 वर्ष के थे. उनके प्रकाशक ‘स्टेइडल’ के प्रवक्ता एम. वेंगर ने इसकी पुष्टि की. प्राप्त सूचना के अनुसार ग्रास का निधन फेफड़े में संक्रमण के कारण हुआ.

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद देश की संस्कृति को पुनर्जीवित करने तथा लोकतांत्रिक मूल्यों के संवर्धन में उनका योगदान सराहनीय रहा है.

ग्रास मात्र 17 वर्ष की उम्र में हिटलर यूथ (नाजी पार्टी का युवा संगठन) के रूप में द्वितीय विश्व युद्ध के गवाह बने. बाद में वह नाजी स्पेशल फोर्स यूनिट वाफेन-एसएस में शामिल हो गए.

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साहित्य के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने 1952 में की. उन्होंने नाटक, कविता और उपन्यास लिखे. उनकी रचनाओं की सूची बेहद लंबी है, जिसमें ‘कैट एंड माउस’, ‘डॉग इयर्स’, ‘द टिन ड्रम’, ‘डांस्क ट्राइलॉजी’, ‘लोकल एनेस्थेटिक’, ‘फ्लाउंडर’, ‘द रैट’, ‘द कॉल ऑफ द टोड’ तथा ‘क्रैबवॉक’ जैसी रचनाएं हैं.

उनकी रचना ‘टिन ड्रम’ पर वोल्कर स्क्लोनडॉर्फ ने 1979 में एक फिल्म बनाई, जिसने ऑस्कर जीता.

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