नई दिल्लीः साहित्य अकादेमी द्वारा हर वर्ष आयोजित होने वाला साहित्योत्सव आज शुरू हो गया. अकादेमी की वर्षभर की गतिविधियों को प्रदर्शित करने वाली अकादेमी प्रदर्शनी से इसकी शुरुआत हुई. साहित्योत्सव 2022 का उद्घाटन संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किया.
इस अवसर पर उपस्थित लेखकों एवं श्रोताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य व्यक्ति की बौद्धिक खुराक है. साहित्य परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है लेकिन वह समाप्त हो रहा है यह कहना गलत होगा. उन्होंने कहा कि पुस्तकों के विषय युवाओं की रुचियों के अनुसार होने चाहिए और उन्हें देश के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिए. साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार ने अंगवस्त्रम् एवं पुस्तक भेंट कर स्वागत किया.
अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने साहित्य अकादेमी की वर्ष 2021 की गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अकादेमी ने पिछले वर्ष कुल 605 ऑनलाइन कार्यक्रम तथा पुनमुर्द्रण सहित 24 भाषाओं में 506 पुस्तकें प्रकाशित कीं. पुस्तकों की बिक्री के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2021 में अर्जित राजस्व 8,53,23,242/- रुपए था. साहित्य अकादेमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने अपने वक्तव्य में कहा कि साहित्य अकादेमी लेखकों द्वारा लेखकों के लिए बनाई गई संस्था है और वह युवाओं को भी भरपूर प्रोत्साहन देती है.
आज 'युवा भारत का उदय' शीर्षक से अखिल भारतीय युवा लेखक सम्मिलन भी प्रारंभ हुआ, जिसका उद्घाटन वक्तव्य साहित्य अकादेमी के सामान्य परिषद के सदस्य येशे दरजे थोंगछी ने किया. उन्होंने कहा कि सूचना
क्रांति ने युवा लेखकों के लिए अभिव्यक्ति के अवसर बढ़ाए हैं अतः वे अंतःप्रेरणा का अनुसरण करें. अकादेमी द्वारा मान्यता प्राप्त 24 भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 26 युवा लेखकों ने इस कार्यक्रम में
भाग लिया. प्रख्यात विद्वान, श्रीराम परिहार, पारमिता शतपथी, मृत्युंजय सिंह तथा सुरेश ऋतुपर्ण ने इस सम्मिलन के विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता की.
अपराह्न 2.30 बजे भारतीय भाषाओं में प्रकाशन की स्थिति विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई, जिसके विशिष्ट अतिथि प्रख्यात मराठी लेखक रंगनाथ पठारे थे. विभिन्न भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 6 प्रख्यात प्रकाशकों तथा लेखकों चंदना दत्ता, दर्शन दर्शी, हेमंत दिवटे, प्रभात कुमार, रमेश कुमार
मित्तल तथा याकूब इस पैनल चर्चा में भाग लिया. उर्दू के प्रख्यात कवि शीन काफ निजाम पैनल चर्चा का संयोजन किया. अपने स्वागत भाषण में साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कहा कि प्रकाशन व्यवसाय में कई बड़े परिवर्तन हुए हैं लेकिन इसके चलते लेखक, पाठक और प्रकाशकों के रिश्ते प्रभावित नहीं होने चाहिए. तीनों पक्षों की पारदर्शिता से ही सुखद परिणाम प्राप्त होंगे. प्रख्यात मराठी लेखक रंगनाथ पठारे ने अपने वक्तव्य में कहा कि वर्तमान में लेखक और प्रकाशक का रिश्ता चिंताजनक है. इसके लिए
उन्होंने लेखकों/पाठकों का अंग्रेज़ी के प्रति मोह और भारतीय भाषाओं के प्रति उनकी उपेक्षा को दोषी ठहराया. साथ ही तकनीकी बदलाव और उसकी सहजता से बदले परिदृश्य में आशा व्यक्त की कि हालत सुधर सकते हैं. अन्य सभी प्रतिभागियों ने वर्तमान प्रकाशन स्थिति के लिए लेखक एवं प्रकाशकों दोनों को दोषी मानते हुए नई टेक्नोलॉजी के आधार पर उसमें सुधार की आशा व्यक्त की.
कल साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2021 अर्पण समारोह सायं 5.00 बजे कमानी सभागार में होगा. समारोह के मुख्य अतिथि प्रतिष्ठित मराठी लेखक, कवि एवं आलोचक भालचंद्र नेमाडे हैं.