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ब्रिटेन में दिया शशि थरूर का वो भाषण, जिसने रखी साहित्य अकादमी वाली किताब की नींव

ब्रिटिश काल को लेकर लिखी गई इस किताब की चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी, क्योंकि भारत और ब्रिटेन में इस किताब के दो अलग-अलग वर्जन छापे गए थे. इस किताब के ब्रिटिश वर्जन की शुरुआती 50 हजार कॉपियां सिर्फ 6 महीने में बिक गई थीं.

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ब्रिटेन में शशि थरूर ने दिया था भाषण
ब्रिटेन में शशि थरूर ने दिया था भाषण

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  • साहित्य अकादमी अवॉर्ड 2019 का ऐलान
  • शशि थरूर को अंग्रेजी भाषा में मिला सम्मान
  • किताब लिखने के पीछे है दिलचस्प कहानी

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को उनकी किताब ‘An Era of Darkness’ के लिए साहित्य अकादमी अवॉर्ड से नवाज़ा गया है. शशि थरूर को ये खिताब अंग्रेजी भाषा की कैटेगरी में मिला है. ब्रिटिश काल को लेकर लिखी गई इस किताब की चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी, क्योंकि भारत और ब्रिटेन में इस किताब के दो अलग-अलग वर्जन छापे गए थे. इस किताब के ब्रिटिश वर्जन की शुरुआती 50 हजार कॉपियां सिर्फ 6 महीने में बिक गई थीं.

ब्रिटिश काल पर लिखी गई इस किताब के लिखे जाने का भी एक किस्सा है, जिसका जिक्र शशि थरूर की आधिकारिक वेबसाइट पर किया गया है.

वेबसाइट के अनुसार, ‘मई 2015, जब शशि थरूर को ऑक्सफोर्ड यूनियन में ‘Britain Owes Reparations to Her Former Colonies’ पर बोलने के लिए बुलाया गया था, तब उन्होंने कुछ ऐसा भाषण दिया था जिसकी चर्चा दुनियाभर में हुई थी. जुलाई 2015 में इस डिबेट के वीडियो को सोशल साइट पर ट्वीट किया गया, जो कि कुछ ही घंटों में व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक पर वायरल हो गया.’

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इसमें लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अटेंड किए गए एक कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर ने भी उनके इस भाषण की तारीफ की थी. जब इस भाषण की चर्चा चारो ओर हुई तो शशि थरूर के दोस्त डेविड डेविडर ने उन्हें सलाह दी कि इस भाषण को विस्तार से एक किताब में उतारने की जरूरत है.


 

भाषण से कितनी अलग है थरूर की किताब?
शशि थरूर की वेबसाइट पर इस किताब के बारे में लिखा है, ‘ये किताब पूरी तरह से ब्रिटेन में दिए गए भाषण पर आधारित नहीं है. क्योंकि वो भाषण पूरी तरह से एकतरफा था, लेकिन इस किताब में क्योंकि बात विस्तार से हो रही है इसलिए दोनों तरफ के पक्षों को रखा गया है.’

किताब में ब्रिटिश काल के विस्तार के साथ-साथ भारत में ब्रिटिश राज के बारे में भी बात की गई है, जिसमें ब्रिटिश राज के फायदों को भी बताया गया है. ब्रिटिश राज खत्म होने के बाद किस तरह भारत आगे बढ़ा, उसके बारे में कुछ चैप्टर में जिक्र किया गया है.

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Sahitya Akademi Award: ब्रिटिश काल पर किताब के लिए शशि थरूर को साहित्य अकादमी अवॉर्ड

किताब में किस काल का जिक्र और क्या है खास?
शशि थरूर के द्वारा लिखी गई इस किताब में साल 1600 से 1947 तक के इतिहास का जिक्र है, जो कि ईस्ट इंडिया कंपनी के भारत में आने से लेकर भारत की आज़ादी तक की विस्तार से चर्चा करता है. पूरी किताब में कुल 8 चैप्टर हैं, जिसमें विस्तार से पूरे ब्रिटिश काल की बात हुई है.

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पहला चैप्टर ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा भारत में मचाई गई लूट से शुरू होता है और ब्रिटिश के खिलाफ राजनीतिक एकता तक की बात करता है. इसके अलावा किस तरह ब्रिटिशर्स का भारत और दुनिया में पतन शुरू होता है, उसके बारे में भी किताब में बात की गई है. शशि थरूर की इस किताब को शानदार रिव्यू मिला था.

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