जाने-माने नाटककार, अभिनेता और कवि गिरीश कर्नाड का मानना है कि तकनीक ने युवाओं की पढ़ने की आदत पर प्रभाव डाला है और वे हार्डबाउन्ड पुस्तकों को पढ़ने के असली आनंद की कमी महसूस कर रहे हैं.
कर्नाड ने जयपुर साहित्य उत्सव में कहा, ‘हार्ड बाउन्ड या पेपरबैक पुस्तकों से पढ़ने का चलन युवा पीढ़ी में खत्म हो चला है. वे अब टैबलेट या आईपैड से चिपके रहते हैं.’ कन्नड़ में नाटक लिखने वाले कर्नाड ने कहा कि वह शिद्दत से महसूस करते हैं कि युवा लोग पढ़ने का असली आनंद नहीं उठा पा रहे हैं. कर्नाड के नाटकों का अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में अनुवाद हो चुका है.
उन्होंने कहा, ‘ऐसा कहने में मैं अवश्य सावधानी बरतूंगा क्योंकि मेरी उम्र के लोगों के लिए यह सोचना आम बात है कि युवा लोग हमारे समय जैसा आनंद नहीं ले पा रहे हैं.’ कर्नाड ने कहा कि युवाओं के लिए नयी प्रौद्योगिकी के प्रति सम्मोहन स्वाभाविक है लेकिन मुद्रित पुस्तकों की अपील सदाबहार है. कर्नाड ने पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम की पुस्तक ‘विंग्स ऑफ फायर’ की ऑडियो पुस्तक को अपनी आवाज दी है.