साहित्य आजतक के मंच पर एक से बढ़कर एक साहित्यकार, फनकार आते रहे हैं. सुनिए सूफी गायक हंस राज हंस का यह सू्फ़ीयाना कलाम... इश्क़ है पानी का इक कतरा, कतरे में तूफान, एक हाथ में अपना दिल रख ले, एक हाथ में रख ले जान. खाली दिल नईं यो जान वी ये मंगदा, इश्क दी गली बिच कोई-कोई लंघदा...
Hans Raj Hans song at Sahitya Aajtak Khali dil nai yo jaan bhi ye mangada Ishq di gali wich koi koi langhda