पहली किताब है, अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार. इस किताब में कुल नौ कहानियां हैं. हमारे वक्त की कहानियां. वो कहानियां जो हमारे साथ मैट्रो, बस, लोकल या पैदल सफर करती हैं. इस किताब की कहानियों को पढ़ना ठीक वैसे है जैसे आप अपने किसी दोस्त-यार से बतिया रहे हों. कहने का मतलब कि आपको कहानी पढ़ते हुए यह नहीं लगता कि आप किसी दूसरी दुनियां के किरदारों से, उनकी हरकतों से मिल रहे हैं. हर कहानी आपको अपने आसपास की लगती है. जानी-पहचानी लगती है. दूसरी किताब के बारे है-'हमआवाज़ दिल्लियां'. किताब का केंद्र दिल्ली है. दिल्ली के कई प्राचीन स्मारक पड़ाव हैं तो कहीं मंज़िल. इस किताब में हम जो पढ़ते हैं उसके डोर इतिहास और कल्पना के दो छोरों के बीच लगभग सौ वर्ष की दूरी नापती है. 1826 से 1927 के बीच की कहानी, घटनाएं और किरदार हमारे सामने आते हैं.
Book rewiew of two hindi books. one is Anupma Ganguli ka chautha pyar and second is Hum awaz diliyan.