scorecardresearch
 
Advertisement

किताबों की बातें: 'साब तो गंदी नौकरानियों को भी नहीं छोड़ते'

किताबों की बातें: 'साब तो गंदी नौकरानियों को भी नहीं छोड़ते'

'किताबों की बातें' कार्यक्रम में आज बात हो रही है एक ऐसी किताब के बारे में, जो उस तबके की कहानी सुनाती है, जिसके बारे में हम बहुत कम सोच पाते हैं. इस किताब का नाम है 'एक नौकरानी की डायरी'. इसके लेखक हैं ख्यात साहित्यकार कृष्ण बलदेव वैद. एक नौकरानी की डायरी के बहाने लेखक ने इस किताब में बताया कि नौकरानियों का जीवन कैसा होता है और वे किस तरह के परिवेश में रहती हैं. साथ ही उनके दुख-दर्द क्या होते हैं. 

Advertisement
Advertisement