आज तक के साहित्यिक महाकुंभ, साहित्य आज तक के मंच पर अपने श्रोताओं से रू-ब-रू हुए अनुपम खेर और फिर बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ तो एक एक कर ज़िंदगी और करियर की परतें खुलती चली गईं.