साहित्य आजतक 2019 के मंच पर इंडियाटुडे की पत्रिका ‘साहित्य वार्षिकी’ पर भी चर्चा हुई. यह पत्रिका समकालीन रचनाधर्मिता का प्रतिनिधि संग्रह है. कार्यक्रम में इंडियाटुडे मैगजीन के संपादक अंशूमन तिवारी ने साहित्य वार्षिकी पत्रिका के बारे में बताते हुए कहा कि इसके हर प्रकाशन में इस बात को सुनिश्चित किया जाता है कि रचना ऐसे हों जो पहले कहीं ना छपी हों. साहित्य वार्षिकी में हर बार लेखकों का नया क्रम रहता है और साथ ही इसकी अपनी थीम होती है, इसलिए इस बार की साहित्य वार्षिकी की मौलिकता की खोज है. वीडियो देखें.