MP News: मऊगंज हत्याकांड के तीसरे दिन बाद बड़ी प्रशासनिक सर्जरी हुई है. कलेक्टर और एसपी को जिले से हटा दिया गया है. यहां लगातार बढ़े अपराध और अराजकता का दोषी इन अफसरों को ठहराया जा रहा था. कई संगठनों ने इनके विरोध में मोर्चा खोल रखा था. जिले में इनकी पदस्थापना के बाद से अपराध का ग्राफ बढ़ गया था. आखिरकार कलेक्टर अजय श्रीवास्तव और एसपी रसना ठाकुर को जिले से हटा दिया गया है. अब संजय कुमार जैन को कलेक्टर और दिलीप कुमार सोनी पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. डीजीपी के दौरे के बाद से एसपी को हटाए जाने की चर्चा आम हो गई थी.
बता दें कि प्रदेश में इन दिनों मऊगंज जिले के गडरा गांव का डबल मर्डर सुर्खियों में है. यहां 15 मार्च को आदिवासियों ने ASI और एक युवक की हत्या कर दी. साथ ही पुलिस को बंधक बनकर मारपीट की जिसमें तहसीलदार सहित 7 पुलिसकर्मी घायल हुए.
इन अफसरों पर आरोप है कि घटना के दिन गांव में भारी बवाल मचा हुआ था. एक युवक को आदिवासियों ने बंधक बना रखा था. पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन पुलिस समय पर मौके में नहीं पहुंची. जिले में पुलिस फोर्स की कमी थी. कलेक्टर और एसपी होली मनाने में मस्त थे.
एसडीओपी अंकिता सूल्या युवक को कैद से छुड़ाने के लिए गई थीं लेकिन युवक की तब तक मौत हो चुकी थी. पुलिस ने आरोपियों पर जैसे ही कार्रवाई शुरू की स्थिति बेकाबू हो गई. पुलिस फोर्स में पथराव और लाठी डंडों से हमला हो गया. जैसे तैसे पुलिस पांच आरोपियों को पकड़कर थाने ले गई, लेकिन शव का पंचनामा बना रही एसडीओपी को उपद्रवियों ने बंधक बना लिया.
उपद्रवी कई घंटों तक तांडव मचाते रहे और महिला पुलिस अफसर को जिंदा जलाने की साजिश की जा रही थी. फोर्स की कमी होने के चलते गांव में देर से दाखिल हुई और एक ASI की मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गए. इस घटना की प्रदेशभर में निंदा हुई.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मामले को संज्ञान में लिया. हत्याकांड के 29 दोषियों को अब तक कस्टडी में लिया गया है. मामले को जांच जारी है. अब तक इसके कई अहम सुराग मिले हैं. बावजूद कई संगठनों ने हत्या का विरोध जताते हुए बंद कराया.
एसपी कलेक्टर को हटाए जाने की मांग ने तूल पकड़ लिया. जनप्रतिनिधियों से लेकर सामाजिक संगठन और पीड़ित परिजन अफसरों को हटाने की मांग कर रहे थे. अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के बैनर तले बंद कर विरोध जताया. इस बंद कई संगठन शामिल थे.