मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक थानेदार की पत्नी ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. मरने से पहले थानेदार की पत्नी ने अपने मायके में फोन लगाकर बातचीत की थी और इसके कुछ ही देर बाद उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. घटना का पता उस वक्त लगा जब थानेदार का बेटा यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करके घर वापस लौटा. पुलिस का कहना है कि बेटी की मौत की वजह से हुए डिप्रेशन में यह आत्महत्या की गई है.
दरअसल, जनकगंज थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह गुर्जर का निवास महाराजपुरा थाना इलाके के दीनदयाल नगर में है. मंगलवार को शैलेंद्र सिंह गुर्जर जनकगंज थाने में अपनी ड्यूटी पर थे और उनका 19 वर्षीय बेटा अमेठी यूनिवर्सिटी में पढ़ने गया हुआ था.
मंगलवार की शाम को जब बेटा यूनिवर्सिटी से घर वापस लौटा तो उसने अपनी मां मनीषा को फांसी के फंदे पर लटका देखा. मां को फांसी के फंदे पर लटका देख बेटा घबरा गया. उसने तुरंत इसकी सूचना अपने पिता शैलेंद्र गुर्जर को दी. इसके बाद पड़ोसियों की मदद से मनीषा को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मनीषा को चेक करने के बाद मृत घोषित कर दिया. बुधवार को मृतका का पोस्टमार्टम पुलिस द्वारा करवाया गया.
इस मामले में एडिशनल एसपी अमृत मीणा ने बताया कि मनीषा ने आत्महत्या करने से पहले अपने मायके में फोन लगाया था और यह कहा था, 'आज अच्छा नहीं लग रहा है.' इसके कुछ देर बाद ही मनीषा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.
एडिशनल एसपी ने बताया कि मनीषा के मायके पक्ष के लोगों ने किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया है. मनीषा के दोनों भाई मनोज और अनुज ने बताया कि उनकी बहन डिप्रेशन में चल रही थी. एडिशनल एसपी ने यह भी बताया कि 4 साल पहले शैलेंद्र गुर्जर की 14 वर्षीय बेटी की ब्रेन ट्यूमर की वजह से उसकी जान गई थी, तभी से मनीषा डिप्रेशन में रहने लगी थी और यही वजह रही कि उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.
सब-इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह गुर्जर पुलिस विभाग में आने से पहले सेना में थे और वहां से रिटायर्ड होने के बाद वह पुलिस में भर्ती हो गए. शैलेंद्र सिंह गुर्जर ग्वालियर जिले में घाटीगांव थाने में थाना प्रभारी रह चुके हैं और वर्तमान में वह ग्वालियर शहर के जनकगंज थाने में पदस्थ हैं. फिलहाल महाराजपुरा थाना पुलिस ने इस मामले में मर्ग काम करते हुए जांच शुरू कर दी है.