मध्य प्रदेश के सतना जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां सरकारी अस्पताल में चार साल की बच्ची की मौत के बाद शव ले जाने को लिए एंबुलेंस नहीं मिली. पीड़ित का कहना है कि इसके बाद वो बेटी के शव को बाइक से घर ले जाने के लिए मजबूर हुआ.
दरअसल, सतना जिले के जैतवारा थाना क्षेत्र के डांड़ी टोला में विजय डोहर अपने परिवार के साथ रहते हैं. उनकी चार साल की बच्ची नियांशी 27 जून को घर के आंगन में बैठी थी. उसी समय दाएं हाथ में सांप ने काट लिया. बेटी को अस्पताल ले जाने के लिए पिता ने तुरंत कॉल कर एंबुलेंस की मदद मांगी. मगर, वो चार घंटे बाद पहुंची.
इसके बाद बच्ची को सरदार वल्लभ भाई पटेल अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसके बाद पिता ने शव ले जाने के लिए एंबुलेंस सेवा की मदद मांगी. आरोप है कि उसे मदद नहीं मिली. इसके बाद वो बाइक पर शव लेकर घर गया.
बच्ची के परिजन हमारे पास नहीं आए- सिविल सर्जन
इस मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. केएल सूर्यवंशी ने बताया कि अस्पताल में एक भी शव वाहन नहीं हैं. इस वजह से काफी परेशानी होती है. बच्ची के परिजन हमारे पास नहीं आए. अगर वो आते तो कहीं न कहीं से व्यवस्था की जाती.
सीएमएचओ ने सीएस को दी नोटिस
इस मामले में सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी ने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को नोटिस दिया है. इसमें कहा गया है कि पहले ही आदेश दिए जा चुके हैं अगर, शव वाहन उपलब्ध नहीं है तो किराए के वाहन से शव भेजने की फ्री में व्यवस्था की जाए. सीएमएचओ ने सीएस से जवाब भी मांगा है.