scorecardresearch
 

अमित शाह ने संभाला मोर्चा... MP जीतने के लिए क्या है बीजेपी का प्लान?

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के बड़े नेता अब ड्राइविंग सीट पर आ गए हैं. अमित शाह ने अचानक भोपाल दौरे का प्लान बनाया और चुनाव की तैयारियों को लेकर बड़ी बैठक की. मध्य प्रदेश की लड़ाई जीतने के लिए बीजेपी का प्लान क्या है?

Advertisement
X
शिवराज सिंह चौहान और अमित शाह (फाइल फोटो)
शिवराज सिंह चौहान और अमित शाह (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश चुनाव में अब कुछ ही महीने का वक्त बचा है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्षी कांग्रेस चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं. गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को अचानक भोपाल पहुंचे और पार्टी की तैयारियों को लेकर अहम बैठक की. अमित शाह की बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर विजय संकल्प अभियान शुरू करने का फैसला लिया गया.

Advertisement

इस अभियान का स्वरूप क्या होगा? इसे लेकर अभी अधिक जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी विजय संकल्प अभियान के तहत विजय संकल्प रैलियों, विजय संकल्प रथयात्रा की शुरुआत कर सकती है. बीजेपी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भी विजय संकल्प रथयात्रा की शुरुआत की थी. देवभूमि में बीजेपी का ये प्रयोग सफल रहा था और पार्टी ने परंपरा तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार सरकार बना ली.

ड्राइविंग सीट पर अमित शाह!

अमित शाह का अचानक भोपाल पहुंच जाना, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, चुनाव प्रभारी और पार्टी पदाधिकारियों के साथ चुनावी तैयारियों को लेकर बैठक करना और बैठक में विजय संकल्प अभियान शुरू करने का फैसला लिया जाना...राजनीति के जानकार इसे मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर बीजेपी नेतृत्व के ड्राइविंग सीट पर आने की तरह देख रहे हैं.

Advertisement
अमित शाह ने विधानसभा चुनाव को लेकर की बैठक (फाइल फोटो)
अमित शाह ने विधानसभा चुनाव को लेकर की बैठक (फाइल फोटो)

राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने कहा कि बीजेपी के लिए मध्य प्रदेश में जीत बहुत जरूरी है, खासकर कर्नाटक की हार के बाद. राजस्थान में हर चुनाव में सरकार बदलने का ट्रेंड रहा है, ऐसे में पार्टी नेतृत्व वहां सरकार बनने को लेकर आश्वस्त है. अब बाकी बचे जिन चार राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें मध्य प्रदेश की लड़ाई महत्वपूर्ण है. कर्नाटक की हार के बाद बीजेपी नहीं चाहती कि किसी बड़े राज्य में उसकी हार हो और लोकसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़े.

क्यों फ्रंट पर आया शीर्ष नेतृत्व

बीजेपी ने 2008, 2013 और 2018 का चुनाव मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में लड़ा. इसबार शीर्ष नेतृत्व फ्रंटफुट पर क्यों नजर आ रहा है जो सहायक की भूमिका में नजर आता रहा है? इसपर अमिताभ तिवारी ने कहा कि हर पार्टी चुनाव के लिए अपने आकलन के आधार पर रणनीति बनाती है. बीजेपी को लगा हो कि स्थानीय नेतृत्व के साथ केंद्रीय नेतृत्व भी जोर लगा दे तो जीत या बड़ी जीत दर्ज की जा सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह इस समय बीजेपी के सबसे बड़े चेहरों हैं. ऐसे में अगर अमित शाह अचानक मध्य प्रदेश जाते हैं, मीटिंग करते हैं तो इसके पीछे संदेश ये है कि बीजेपी राज्य के चुनाव को पूरी गंभीरता से ले रही है और किसी भी तरह की कोई कोताही नहीं बरतना चाहती.

Advertisement

राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जिसे आसानी से हटाया जा सके. बीजेपी को ये चुनाव उनके साथ ही लड़ना होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा सामने रखकर बीजेपी ने पहले भी राज्यों में चुनाव लड़े हैं. बीजेपी किसी एक चेहरे की जगह सामूहिक नेतृत्व के विकल्प को चुनकर चुनावी रण में उतरती नजर आ रही है. 

जन आशीर्वाद यात्रा पर सस्पेंस

अमित शाह की बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर विजय संकल्प अभियान शुरू करने का फैसला हुआ. सीएम शिवराज जन आशीर्वाद यात्रा पर निकलने की तैयारी में थे. शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा कब शुरू होगी, इसे लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है. अब विजय संकल्प अभियान शुरू करने के ऐलान के बाद शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर सस्पेंस की स्थिति बन गई है. सीएम शिवराज की ओर से पहले ही ये ऐलान किया जा चुका था कि वे जन आशीर्वाद यात्रा पर निकलेंगे.

नरेंद्र सिंह तोमर और शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटोः ट्विटर)
नरेंद्र सिंह तोमर और शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटोः ट्विटर)

सीएम शिवराज विधानसभा चुनाव से पहले जन आशीर्वाद यात्रा पर निकलते भी रहे हैं. 2018 के चुनाव में शिवराज की जन आशीर्वाद यात्रा 14 जुलाई को शुरू हो गई थी. उज्जैन के महाकाल मंदिर से बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह ने महाकाल की पूजा-अर्चना के बाद जन आशीर्वाद यात्रा को रवाना किया था. लेकिन चुनाव में सीटों के लिहाज से बीजेपी कांग्रेस से पीछे रह गई और 15 साल लगातार सरकार चलाने के बाद पार्टी को 15 महीने विपक्ष में बैठना पड़ा था.

Advertisement

जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत जुलाई के पहले पखवाड़े में ही होनी थी. लेकिन इसके रोडमैप को लेकर भी अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है. बीजेपी में 2018 की हार के बाद पार्टी में अकेले शिवराज की जगह हर जोन में बड़े नेताओं के यात्रा निकालने के फॉर्मूले पर भी बात हो रही थी. कहा जा रहा था कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी अलग-अलग जोन में जन आशीर्वाद यात्रा पर निकलें और बड़ी रैलियों में सीएम शिवराज भी शामिल हों. अब बदली रणनीति के तहत बीजेपी उत्तराखंड की तर्ज पर विजय संकल्प रथयात्रा शुरू कर सकती है.

2018 में सत्ता से बाहर हो गई थी बीजेपी

मध्य प्रदेश के पिछले चुनाव में बीजेपी को 41.6 फीसदी वोट शेयर के साथ 109 सीटों पर जीत मिली थी और कांग्रेस को 41.5 फीसदी वोट शेयर के साथ 114 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों की बगावत के कारण ये सरकार 15 महीने में ही गिर गई थी. कमलनाथ सरकार की विदाई के बाद बीजेपी ने सरकार बनाई थी.

 

Advertisement
Advertisement