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MP: मंदसौर कलेक्टर ऑफिस में बुजुर्ग किसान ने लगाई थी लोट, अब मामले में आ गया नया मोड़

Mandsaur News: कलेक्टर कार्यालय में पहुंचे जमीन खरीददार अश्विन देशमुख  ने बताया कि उन्होंने शंकरलाल पाटीदार के भाई के हिस्से की भूमि खरीदी है, जिस पर शंकरलाल ने अवैध कब्जा कर रखा है. अश्विन ने सारे कागजात भी बताए. 

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लोट लगाते हुए कलेक्टर कार्यालय में पहुंचा बुजुर्ग शिकायतकर्ता.
लोट लगाते हुए कलेक्टर कार्यालय में पहुंचा बुजुर्ग शिकायतकर्ता.

MP News: मंदसौर कलेक्टर कार्यालय में एक बुजुर्ग शंकरलाल पाटीदार ने लोट लगाकर अपनी जमीन के मामले को उठाया. फरियादी का कहना था कि उनकी जमीन की गलत रजिस्ट्री करवाई गई है. इस मामले को लेकर वे किसी भी न्यायालय में नहीं गए हैं, उन्हें प्रशासन से मदद चाहिए. इस मामले में आजतक की टीम ने कलेक्टर का बयान भी लिया था और गांव जाकर शंकरलाल से बातचीत भी की थी. 

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उधर, इस मामले में नया मोड़ आ गया है. कलेक्टर कार्यालय में बुजुर्ग शंकरलाल के खिलाफ पहुंचे जमीन खरीददार अश्विन देशमुख  ने बताया कि उन्होंने शंकरलाल पाटीदार के भाई के हिस्से की भूमि खरीदी है, जिस पर शंकरलाल ने अवैध कब्जा कर रखा है. अश्विन ने सारे कागजात भी बताए. 

वहीं, शंकरलाल का कहना था कि वे कभी भी मामले को लेकर कोर्ट में नहीं गए हैं. जबकि अश्विन की मानें तो जिला कलेक्टर कार्यालय, एसडीएम न्यायालय में भी शंकर लाल यह मामला हार चुके हैं, जिसके कागजात भी उन्होंने मौके पर दिखाए. 

इसके अलावा, इस मामले में एडिशनल कलेक्टर एकता जायसवाल ने बताया, हमारे पास शंकर लाल पाटीदार का आवेदन आया था. बुजुर्ग का कहना था कि उनकी जमीन की गलत तरीके से रजिस्ट्री करवाई गई है. आज इस मामले में दूसरा पक्ष भी सामने आया है. जमीन खरीदने वाले अश्विन देशमुख का कहना है कि उनके सारे कागजात परिपूर्ण हैं. कागजात हमने देख लिए हैं, उन्हें जमीन के सीमांकन का आवेदन लगाने को कहा गया है. 

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आपको बता दें इस मामले को सबसे पहले आजतक ने उठाया था और ये देश भर में चर्चा का विषय बन गया था. अब शंकर लाल पाटीदार के सामने अश्विन देशमुख भी आ खड़े हुए हैं. जो जमीन पर अपनी दावेदारी को लेकर सारे दस्तावेज ले आए हैं. देखें Video:- 

अश्विन ने बताया है कि शंकर लाल पाटीदार ने उनकी और परिवार की मानहानि की है, जबकि शंकर लाल पाटीदार इस मामले में एक बार जेल भी जा चुके हैं. 

अश्विन देशमुख का कहना है कि 14 साल पहले उन्होंने फार्मिंग के लिए जमीन खरीदी थी. उनके पिता के पास भी थोड़ा बहुत पैसा है. इस जमीन पर शंकर लाल के कब्जा करने के कारण अभी तक वे अपना रोजगार तक शुरू नहीं कर पाए हैं. उन्हें अपनी जमीन वापस दिलाने के लिए आवेदन कलेक्टर की जन सुनवाई में दिया गया है.

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