Dhirendra Shastri hoisted flag: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जिस स्कूल में शुरुआती शिक्षा हासिल करते थे, आज उसी स्कूल में ध्वजारोहण के लिए मुख्य अतिथि बनकर पहुंचे तो चेहरे पर अलग खुशी नजर आई और संबोधन के दौरान कहने लगे किसी विद्यार्थी के जीवन में सबसे बड़ा दिन वह होता है, जिस विद्यालय में उसने शिक्षा ग्रहण की हो और उसी विद्यालय में उसे ध्वजारोहण के लिए बुलाया जाए. इसके बाद स्कूल में मौजूद बच्चों की भीड़ ने जोरदार तालियां बजाईं.
78वें स्वतंत्रता दिवस पर बागेश्वर बाबा ने गंज गांव के हायर सेकंडरी स्कूल में ध्वजारोहण किया. इसी स्कूल में धीरेन्द्र शास्त्री ने 9वीं से 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की थी और आज ध्वजारोहण के लिए मुख्य अतिथि बनकर स्कूल पहुंचे.
स्कूल के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने कथावाचक का जोरदार स्वागत किया. ध्वजारोहण के बाद बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने अपने उद्बोधन में कहा, आपके जीवन में यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कितने बड़े स्कूल में पढ़ते हैं, यह महत्वपूर्ण है कि आप कितनी बड़ी सोच रखते हैं. हमारे घर लाइट नहीं होती थी, तो पढ़ाई नहीं होती थी. लेकिन जुनून रूपी लाइट अगर हो तो अंधेरे में भी पढ़ाई होती है.
धीरेंद्र शास्त्री ने उन दिनों को भी याद किया जब वह पैदल चलकर गढ़ा गांव से गंज के स्कूल में पढ़ने के लिए आया करते थे. मौजूदा छात्रों से बाबा ने कहा, हम भी आप लोगों जैसे ही थे. 15 अगस्त के दिन हम भी आप की तरह ही बूंदी के लिए लाइन में लगा करते थे.
इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने अपने शिक्षकों की सराहना की. इस मौके गणित के अध्यापक खान सर, सेठ मैडम मौजूद थीं. प्रशासनिक अधिकारियों में राजनगर एसडीएम, तहसीलदार, थाना प्रभारी मौजूद रहे.