बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री को "Y" कैटेगरी की सुरक्षा दे दी गई है. मध्यप्रदेश शासन ने इस बारे में आदेश भी जारी कर दिया है. तमाम राज्यों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि प्रावधानों के तहत भी उनके राज्य में धीरेंद्र गर्ग कृष्ण शास्त्री आएं, तो उन्हें "Y" कैटेगिरी सिक्योरिटी कवर दिया जाए.
बाबा बागेश्वर के देश भर में हो रहे आयोजनों में जुट रही भीड़ के मद्देनजर उन्हें यह सुरक्षा दी गई है. बताते चलें कि बिहार में शनिवार 13 मई से 17 मई तक धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा का दरबार चला. इस दौरान बाबा बागेश्वर और उनके भक्तों ने कई नए कीर्तिमान बनाए हैं और दरबार में अर्जी लगाने के सभी पुराने रिकॉर्ड टूट गए.
बिहार में लगी थीं 18 लाख अर्जियां
हनुमंत कथा के दौरान 30 लाख से ज्यादा भक्त पहुंचे और बिहार के लोगों ने तकरीबन 18 लाख अर्जियां लगाईं. अर्जी लगाने के लिए लाल कपड़े में बांधकर नारियल को कथा वाले स्थान पर रखा जाता है. लिहाजा, तरेत पाली मठ के प्रसाद और नारियल की बिक्री करने वाले दुकानदारों ने सिर्फ इन दोनों चीजों से ही 5 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार किया.
प्रसिद्धि और विवाद चल रहे साथ-साथ
इधर, हिंदू राष्ट्र की मांग करने के साथ ही धीरेंद्र शास्त्री की प्रसिद्धि बढ़ती जा रही है. वह भक्तों की पीड़ा और उसका उपचार अपने पर्चे में पहले ही लिखकर रख देते हैं. इन वजहों से उनकी प्रसिद्धि बढ़ी, तो विवाद भी होने लगे. सूरत के हीरा कारोबारी जनक बावरिया ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दी.
कहा कि वह पहला कार्यक्रम सूरत के लिंबायत इलाके में करने जा रहे हैं, जहां वो उनसे मिलना चाहता है. अगर वो अपने दिव्य दरबार में सबके सामने बता देंगे कि उसके हाथ में रखे पैकेट में कितने हीरे हैं तो वो शास्त्री की दिव्य शक्ति स्वीकार कर लेगा. साथ ही उनके चरणों में दो करोड़ के हीरे अर्पित कर देगा. हालांकि, बाद में हीरा कारोबारी अब मीडिया से दूरी बना रहा है. चैलेंज के बाद खड़े हुए विवाद को वो अब खत्म करना चाहता है. इस संबंध में उसने एक लेटर भी लिखा है.
पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला ने साधा था निशाना
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने बाबा के जरिये बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि नौटंकी करने वाले बाबा की बीजेपी मार्केंटिंग करती है. राजनीति में धर्म का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. साल 2014 के चुनाव में रामदेव बाबा आए थे, जबकि 2019 के चुनाव में दूसरे बाबा मैदान में आए थे. अब एक और नए बाबा मैदान में आए हैं.
बाबा का दिव्य दरबार लगने वाला है, तो मेरी मांग यह है कि पेपर लीक हो रहे हैं, तो वो पेपर कौन लीक कर रहा है? बाबा बताएं कि शिक्षकों की कमी है, तो ये शिक्षक कब स्कूलों के अदंर आएंगे? बाबा यह भी बताएं की महंगाई से आम लोगों को कब मुक्ति मिलेगी? बाबा यह भी बताएं कि किसान जो कर्ज में डूबे हैं, उन्हें न्याय कब मिलेगा?