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भगवान नरसिंह की 7.5 KG वजनी पाषाण मूर्ति तीनों बार नदी में तैरी, मान्यता है कि सालभर खुशहाली और समृद्धि रहेगी

आस्था और मान्यता है कि भगवान नरसिंह की मूर्ति अगर एक बार तैरी और दो बार डूब गई तो वर्ष के 12 महीनों में से सिर्फ चार महीने ही अच्छे निकलेंगे. 2 बार तैरी और एक बार डूबी तो समझो 8 माह अच्छे व 4 माह खराब जाएंगे. और यदि तीनों ही मर्तबा तैर गई तो वर्षभर पूरे क्षेत्र में खुशहाली व समृद्धि रहेगी. क्षेत्र में अच्छी फसल लहलहाएगी. और यदि तीनों ही बार डूब गई तो सूखे, प्राकृतिक आपदा के हालात बनेंगे. 

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भमोरी नदी में नरसिंह भगवान की पाषाण प्रतिमा को तैराते पुजारी.
भमोरी नदी में नरसिंह भगवान की पाषाण प्रतिमा को तैराते पुजारी.

MP News: देवास जिले के हाटपीपल्या में भगवान नरसिंह का प्राचीन मंदिर है. जहां भगवान की साढ़े सात किलो वजनी ठोस चमत्कारी पाषाण प्रतिमा विराजमान है. भगवान नरसिंह की प्रतिमा को प्रतिवर्ष डोल ग्यारस पर नरसिंह घाट ले जाया जाता है. इस दौरान बड़ी ही धूमधाम से पूरे नगर में अखाड़ा-जुलूस के साथ भगवान को भ्रमण करवाया जाता है. फिर भमोरी नदी में हजारों लोगों की मौजूदगी में इस पाषाण प्रतिमा को पूजा-अर्चना कर पूरे सम्मान के साथ तैराया जाता है.

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इस बार भी डोल ग्यारस पर भगवान नरसिंह की पाषाण प्रतिमा को भमोरी नदी में मंदिर के पुजारी ने 3 बार पानी में तैराया. लोगों की आस्था और मान्यता है कि मूर्ति अगर एक बार तैरी और दो बार डूब गई तो वर्ष के 12 महीनों में से सिर्फ चार महीने ही अच्छे निकलेंगे. 2 बार तैरी और एक बार डूबी तो समझो 8 माह अच्छे व 4 माह खराब जाएंगे. और यदि तीनों ही मर्तबा तैर गई तो वर्षभर पूरे क्षेत्र में खुशहाली व समृद्धि रहेगी. क्षेत्र में अच्छी फसल लहलहाएगी. और यदि तीनों ही बार डूब गई तो सूखे, प्राकृतिक आपदा के हालात बनेंगे. 

खास बात यह है कि इस वर्ष प्रतिमा तीनों ही मर्तबा पानी में तैरती रही. पंडित गोपालदास वैष्णव ने ऐसा तीन बार किया. हर बार प्रतिमा तैरती रही. इस दौरान घाट पर मौजूद हजारों लोगों ने भगवान नरसिंह के जयकारे लगाए. श्रद्धालु ख़ुशी से झूम उठे. क्योंकि क्षेत्र के लिए पूरा साल खुशहाली भरा रहने वाला है. देखें Video:-

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हाटपीपल्या विधायक मनोज चौधरी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भगवान नरसिंह का आशीर्वाद क्षेत्र के सभी लोगों पर बना हुआ है. प्रतिमा तीन बार तैरी है. भगवान के आशीर्वाद से यह पूरा वर्ष अच्छा जाएगा.

नदी घाट से लेकर मंदिर तक कालीन बिछाई

हर साल यह आयोजन डोल ग्यारस के मौके पर होता रहा है. लेकिन पंडितों ने मुहूर्त देखने के बाद मंगलवार आयोजन करने की सलाह दी थी. इसके चलते कलेक्टर ने सोमवार के स्थानीय अवकाश की जगह अगले दिन यानी मंगलवार को छुट्‌टी घोषित की थी. मंगलवार दोपहर में मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद आरती हुई. भमोरी नदी घाट से लेकर मंदिर तक कालीन बिछाई गई. जिस पर भगवान नरसिंह  का ढोल-ढमाके के साथ चल समारोह निकाला गया. चल समारोह में पुलिस बैंड भी शामिल था. आयोजन को लेकर पहले से ही विशेष तैयारी की गई थी. इस मौके पर विधायक मनोज चौधरी, नगर परिषद अध्यक्ष चंद्रकांता राठौर सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे.

भगवान को गार्ड ऑफ ऑनर

विधायक मनोज चौधरी और नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि अरुण राठौर के प्रयास से पहली बार पाषाण प्रतिमा के चल समारोह  में पुलिस बैंड शामिल हुआ. साथ ही पाषाण प्रतिमा को डोल में विराजित करने के बाद और नरसिंह घाट पर तैराए जाने के पहले भगवान को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. 

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आपको बता दें कि नपाध्यक्ष और पार्षदों ने विधायक मनोज चौधरी के साथ गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात कर भगवान नरसिंह को राजकीय सम्मान देने की मांग की थी. इसके बाद गृहमंत्री ने उज्जैन आईजी और देवास एसपी को निर्देश दिए थे. 

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