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MP: जमीन पर सो रहे परिवार को सांप ने डसा, मां-बेटी की मौत, बेटे की हालत नाजुक

भिंड के फूप थाना क्षेत्र में एक महिला और उसके दो बच्चों को सांप ने डस लिया. परिवार वाले उन्हें तुरंत झाड़ फूंक करने वाले ओझा के पास लेकर गए. जब वहां उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ तो तीनों को अस्पताल ले जाया गया. वहां डॉक्टर ने मां और बेटी को मृत घोषित कर दिया. जबकि, बेटे की हालत गंभीर बनी हुई है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

मध्य प्रदेश के भिंड में एक घर के अंदर जमीन पर सो रहे परिवार को सांप ने काट लिया. सांप के काटते ही घर में चीख पुकार मच गई. आनन फानन में सभी को पहले झाड़ फूंक करवाने के लिए दूसरे गांव ले जाया गया और जब फायदा नहीं पड़ा तो आखिर में अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन यहां डॉक्टर ने मां-बेटी को मृत घोषित कर दिया. जबकि, बेटा जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है.

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दरअसल, मामला भिंड के फू्प थाना इलाके के रानी बिरगवां गांव का है. रानी बिरगवां गांव के रहने वाले मुकेश बरेठा अपने पूरे परिवार समेत शनिवार की रात को खाना खाकर सो रहे थे. मुकेश की पत्नी राधा, उसकी बेटी यीशु और बेटा कृष्णा जमीन पर सो रहे थे तभी आधी रात के वक्त अचानक बच्चे रोने लगे. जब पूरा परिवार रोने की आवाज सुनकर जागा तो हड़कंप मच गया क्योंकि सांप उनके नजदीक से गुजर रहा था.

राधा, यीशु और कृष्णा के पैरों पर सांप के काटने के निशान देखकर सभी लोग परेशान हो उठे. आनन फानन में राधा और उसके दोनों बच्चों को सांप का जहर उतारने के लिए सबसे पहले खरिका मोतीपुरा गांव ले जाया गया. यहां झाड़ फूंक की मदद से सांप का जहर उतारने की कोशिश की गई लेकिन कोई फायदा नहीं मिला.

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इसके बाद तीनों को उपचार के लिए रविवार की सुबह तकरीबन 7:00 बजे भिंड जिला अस्पताल लाया गया. यहां डॉक्टर ने राधा और उसकी बेटी यीशु को चेक करने के बाद मृत घोषित कर दिया. जबकि कृष्णा की हालत गंभीर बनी हुई है. 34 साल की राधा और 12 साल की यीशु की मौत हो जाने के बाद परिवार वाले और भी घबरा गए. इसके बाद 12 साल के कृष्णा को उपचार के लिए भिंड से ग्वालियर रेफर कर दिया गया.

राधा के देवर अंकेश ने बताया कि सभी लोग जमीन पर सो रहे थे और तभी सांप ने उन्हें काट लिया. जिला अस्पताल भिंड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सतीश शर्मा ने बताया कि सांप के काटने के लक्षण इनके शरीर में दिखाई दिए. खास बात यह है कि परिवार के लोगों ने राधा और उनके बच्चों को सीधा अस्पताल लाने की बजाय झाड़ फूंक में अपना समय बर्बाद कर दिया. यही वजह रही कि उचित समय पर उपचार नहीं मिलने की वजह से राधा और उसकी बेटी की मौत हो गई जबकि बेटा जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है.

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