मध्य प्रदेश के भिंड जिले में रिश्वतखोरी इतनी हद तक बढ़ गई है कि लगातार ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त की कार्रवाई के बावजूद शासकीय कर्मचारी और अधिकारी रिश्वत लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं. दो दिन पहले ईओडब्ल्यू की टीम ने भिंड में RES के उपयंत्री को ₹25000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था और आज फिर भिंड के ही एक पटवारी को ग्वालियर में लोकायुक्त की टीम ने ₹5000 की घूस लेते पकड़ लिया. तीन दिन के अंदर लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू की टीम ने भिंड के दो शासकीय अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ रिश्वतखोरी में कार्रवाई की है.
दरअसल, सोमवार को ग्वालियर के शताब्दीपुरम इलाके में ग्वालियर लोकायुक्त की टीम ने पंकज खरगो नाम के एक पटवारी को ₹5000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. यह रिश्वत फौती नामांतरण के बदले में ली जा रही थी.
भिंड जिले के गोहद तहसील के विशवारी गांव निवासी रवि बघेल ने अपनी दादी राजाबेटी के नाम की जमीन का फौती नामांतरण अपने पिता विशंभर सिंह के नाम करवाने के लिए तहसील में संपर्क किया था. यहां फौती नामांतरण करने के एवज में पटवारी पंकज खरगो द्वारा ₹15000 की रिश्वत मांगी गई थी. लेकिन डील 7000 में डन हो गई. इस बात की शिकायत रवि बघेल द्वारा ग्वालियर लोकायुक्त में की गई. ₹2000 की रिश्वत रवि बघेल द्वारा पटवारी को पहले ही दे दी गई थी. रिश्वत मांगने की शिकायत मिलने पर ग्वालियर लोकायुक्त की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से पटवारी को पकड़ने की तैयारी की.
पटवारी को रिश्वत के ₹5000 देने के लिए रवि बघेल ग्वालियर में शताब्दी पुरम इलाके में पहुंचा. यहां पटवारी पंकज ने रिश्वत के ₹5000 लेकर अपनी कार के गियर बॉक्स के पास रख लिए, तभी लोकायुक्त की टीम ने पटवारी को पकड़ लिया और रिश्वत की राशि भी बरामद कर ली.
दो दिन पहले शनिवार को ग्वालियर की ईओडब्ल्यू की टीम ने भिंड जनपद में पदस्थ RES के उपयंत्री दीपक गर्ग को 25000 रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था. हार का पुरा गांव के रोजगार सहायक संजीव सिंह गुर्जर से तालाब निर्माण का मूल्यांकन और भुगतान करने के एवज में RES उप यंत्री दीपक गर्ग द्वारा यह रिश्वत ली जा रही थी.
ईओडब्ल्यू ने उप यंत्री को रंगे हाथों पकड़ा. दो दिन पहले ही हुई इस कार्रवाई के बावजूद भी पटवारी पंकज खरगो रिश्वत लेने से पीछे नहीं हटा और उसने सोमवार को रिश्वत ले ली, लेकिन लोकायुक्त की टीम ने उसे धर दबोचा.