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मध्य प्रदेश के भोपाल का भाई वेलफेयर सोसाइटी संगठन पति-पत्नी के मामलों में पीड़ित पुरुषों की मदद करने का काम करता है. यह संगठन अब 18 सितंबर को एक बड़ा और अनोखा कार्यक्रम करने वाला है. इसकी खूब चर्चा हो रही है. विवाह विच्छेद नाम के इस समारोह में अलग-अलग रस्में होंगी, जिसमें जयमाला विसर्जन, बारात निर्गमन के साथ जेंट्स संगीत, सद्बुद्धि शुद्धिकरण यज्ञ और मानव सम्मान में कार्य करने के लिए सात कदम और सात प्रतिज्ञा दिलाई जाएंगी. इस आयोजन में बीते ढाई साल में मुसीबत बन गई शादीशुदा जिंदगी से तलाक लेकर बाहर आए 18 पुरुषों को विवाह विच्छेद के दस्तावेज भी समारोहपूर्वक दिए जाएंगे.
'संस्कृति बचाओ मंच' नाम की संस्था इस कार्यक्रम का विरोध कर रही है. मंच ने चेतावनी दी है कि विवाह विच्छेद समारोह भारतीय संस्कृति के खिलाफ है. कोई विच्छेद समारोह आयोजित नहीं होना चाहिए.
संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने 'भाई वेलफेयर सोसाइटी' के इस विच्छेद समारोह पर आपत्ति जताई. साथ ही चेतावनी दी कि अगर यह आयोजन किया जाएगा तो इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और केस दर्ज कराएंगे.
हर रविवार को पार्क में की जाती है मीटिंग
भाई वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारी और सदस्य हर रविवार को भोपाल के चिनार पार्क में मीटिंग करते हैं. इस दौरान हफ्तेभर में उनको हेल्पलाइन नंबर पर पीड़ित पुरुषों से जो शिकायतें मिलती हैं, उनको बुलाया जाता है और सुनवाई की जाती है. इस रविवार भी भाई वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारी, सदस्य और उनसे सलाह लेने वाले पीड़ित चिनार पार्क में इकट्ठे हुए. वह मीडिया से बात करने से बचते रहे.
उन्होंने अपनी संस्था पर लग रहे आरोपों पर अपना पक्ष रखा. हालांकि, मामला बिगड़ता देख कार्यक्रम को लेकर आयोजकों का कहना है कि कार्यक्रम होगा या नहीं? अभी यह तय नहीं है. जारी एक पत्र में लिखा है कि हमारी संस्था सामाजिक कार्य करती है और धर्मनिरपेक्ष है. किसी की भी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना हमारा मकसद नहीं है.
इनविटेशन कार्ड भी हो गया वायरल
भाई वेलफेयर सोसाइटी के कोषाध्यक्ष नितिन तलवार ने कहा, वेलफेयर सोसायटी एक हेल्पलाइन नंबर है, जिस पर कॉल करने पर पत्नी प्रताड़ित पुरुषों की मदद की जाती है. इसे हिंदू और मुस्लिम वाले एंगल से मत लीजिए.
उन्होंने आगे बताया कि पिछले दो-ढाई साल से जिन लड़कों का तलाक हो चुका है, उनके लिए एक इवेंट कर रहे हैं और उसी का इनविटेशन कार्ड वायरल हो रहा है. कार्यक्रम होगा या नहीं, अभी इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहूंगा. यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों आते हैं. संस्था 2013 से पीड़ित पुरुषों की पूरे एमपी में मदद कर रही है.
वहीं, एक शख्स ने कहा कि यह संस्था घर टूटने से भी बचाती है और प्रताड़ित लोगों को केस जिताने में मदद भी करती है.