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रेप और मर्डर के बाद बाथरूम की टंकी में छिपा दिया था 5 साल की बच्ची का शव... भोपाल कोर्ट ने पड़ोसी को दी फांसी की सजा, मां-बहन भी दोषी करार

Bhopal News: 24 सितंबर 2024 को भोपाल के शाहजहानाबाद इलाके की एक इमारत में रहने वाली 5 साल की बच्ची लापता हो गई थी. पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों, डॉग स्क्वॉड और ड्रोन की मदद से 1000 फ्लैटों की तलाशी शुरू की. 72 घंटे बाद बच्ची का शव उसी बिल्डिंग के एक बंद फ्लैट की पानी की टंकी में मिला.

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बच्ची का शव मिलने पर इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. (फाइल फोटो)
बच्ची का शव मिलने पर इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के शाहजहानाबाद इलाके में पिछले साल 24 सितंबर को 5 साल की बच्ची से रेप और हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश कुमुदिनी पटेल की कोर्ट ने मुख्य आरोपी अतुल निहाले को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने वारदात में उसका साथ देने वाली मां बसंती और बहन चंचल को भी दो-दो साल की कैद की सजा दी है. इस जघन्य अपराध ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया था.
 
दरअसल, 24 सितंबर 2024 को शाहजहानाबाद की एक इमारत में रहने वाली 5 साल की बच्ची लापता हो गई थी. पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों, डॉग स्क्वॉड और ड्रोन की मदद से 1000 फ्लैटों की तलाशी शुरू की. 72 घंटे बाद बच्ची का शव उसी बिल्डिंग के एक बंद फ्लैट की पानी की टंकी में मिला. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद गला घोंटकर उसकी हत्या की गई थी.

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फॉगिंग के धुएं का फायदा उठाकर अपराध
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि बच्ची के घर के सामने रहने वाले आरोपी अतुल निहाले ने नगर निगम की फॉगिंग मशीन के धुएं का फायदा उठाया. धुएं की आड़ में उसने बच्ची को अपने कमरे में खींच लिया. कुछ ही मिनटों में उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद शव को बिस्तर पर रख दिया. जब उसकी मां और बहन काम से लौटीं, तो उन्हें घटना का पता चला. तीनों ने मिलकर शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई, लेकिन पुलिस की सघन तलाशी के चलते मौका नहीं मिला.

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पुलिस के दबाव में तीनों ने शव को रसोई की पानी की टंकी में डाल दिया. शव को बुरी तरह तोड़-मरोड़कर टंकी में ठूंसा गया था. जब फ्लैट से दुर्गंध फैलने लगी, तो पुलिस ने तलाशी ली और शव बरामद कर लिया. हैरानी की बात यह थी कि इस दौरान अतुल और उसका परिवार पड़ोसियों व पुलिस के साथ मिलकर बच्ची की तलाश का नाटक कर रहा था.

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'रेयर ऑफ रेयरेस्ट' केस 
विशेष न्यायाधीश कुमुदिनी पटेल ने इस मामले को 'रेयर ऑफ रेयरेस्ट' करार देते हुए अतुल निहाले को फांसी की सजा सुनाई. उसकी मां बसंती और बहन चंचल को सबूत मिटाने और अपराध में सहयोग के लिए दो-दो साल की सजा दी गई. कोर्ट ने तीनों को दोषी ठहराया और कहा कि यह समाज के लिए खतरे का संकेत है.
 
जमकर हुआ था प्रदर्शन
इस घटना के बाद शाहजहानाबाद में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था और कड़ी सजा की मांग की थी. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 200 से ज्यादा कर्मचारियों को तलाशी में लगाया था. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इस मामले में सख्त सजा का भरोसा दिलाया था. अब कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित परिवार को इंसाफ मिलने की उम्मीद जगी है.

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