भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) की मेडिकल स्टूडेंट डॉ. बाला सरस्वती ने 30 जुलाई की देर रात एनेस्थीसिया का ओवरडोज लेकर आत्महत्या कर ली थी. इस घटना के बाद डॉक्टर्स भड़के गए थे. वे विभागाध्यक्ष को हटाए जाने के साथ दूसरे डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं.
उनकी मौत के बाद पति जयवर्धन चौधरी ने प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनकी पत्नी से 36 घंटे की ड्यूटी कराई जाती थी. उनकी थीसिस को अप्रूव नहीं किया जा रहा था. उसे 6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था. पूर्व में पत्नी ने मेडिकल लीव ली थी, जिसे अप्रूव नहीं किया गया. उसे जूनिर डॉक्टरों के सामने अपमानित किया जाता था, उसे कामचोर कहा जाता था, इसलिए उसने आत्महत्या कर ली.
सरस्वती के साथियों का गुस्सा शांत भी नहीं हुआ था कि तीन दिन बाद एमबीबीएस के इंटर्न डॉ. कार्तिक ने आत्महत्या की कोशिश की. फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. उनका हमीदिया अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में इलाज जारी है. उन्होंने नींद की दवा का ओवरडोज ले लिया था. डॉ. कार्तिक ने डॉ. बाला सरस्वती को लेकर न्याय की मांग करने के साथ अपने वॉट्सएप स्टेटस में लिखा कि एक मेडिकल कॉलेज कब्रिस्तान न बन जाए.
बदलाव के लिए एकजुट हो. जीएमसी, भोपाल में 7 महीने में 2 सुसाइड हुए. यह शर्मनाक है. दोषियों को सजा दो. डॉ. सरस्वती को न्याय मिले. प्लीज रीपोस्ट, इससे पहले कि एक मेडिकल कॉलेज कब्रिस्तान में बदल जाए. जस्टिस फॉर डॉ. सरस्वती.
द लास्ट कॉल, द लास्ट टेक्स्ट, द लास्ट हेलो, द लास्ट गुड बाय एंड द लास्ट ब्रीथ. सीएमसी से पीजी कर रहीं जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती ने रविवार को एनेस्थीसिया के ओवरडोज लेकर सुसाइड कर ली थी. 7 महीने पहले जीएमसी की डॉक्टर आकांक्षा माहेश्वरी ने भी जान दे दी थी.
डॉ. सरस्वती की मौत के विरोध में गांधी मेडिकल कॉलेज में 250 से ज्यादा जूनियर डॉक्टरों का गुरुवार को तीसरे दिन भी आंदोलन जारी रहा. डॉक्टरों ने दावा किया कि जीएमसी में आंदोलन के कारण 40-45 सर्जरी टाल दी गईं. वहीं आपातकालीन सेवाएं और ओपीडी की 3,000 जांचें प्रभावित हुईं.
डॉक्टरों ने कहा कि वे जीएमसी से डॉ. अरुणा कुमार के तबादले की मांग कर रहे हैं. इन्हें एक दिन पहले ही प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है. जीएमसी के डीन डॉ. अरविंद राय कहा, "डॉ कुमार को जीएमसी से हटाने की शक्ति राज्य सरकार के पास है. उन्होंने कहा कि डॉ. सरस्वती बाला की आत्महत्या से पहले उनके कार्यालय में काम के माहौल को लेकर कभी कोई शिकायत नहीं मिली थी. जूनियर डॉक्टरों के संगठन जेयूडीए की जीएमसी इकाई के अध्यक्ष डॉ. संकेत साइट ने बताया कि काम फिर से शुरू करने से पहले टॉक्सिक वर्क कल्चर को खत्म करना होगा.
उन्होंने आरोप लगाया,"हम चाहते हैं कि डॉ. कुमार को हटाया जाए और जीएमसी के टॉक्सिक वर्क कल्चरण को खत्म किया जाए. छात्राओं को डर है कि अगर वे यहीं रुकीं तो उनका भविष्य खराब हो सकता है." उन्होंने दावा किया कि बाल रोग विभाग की एक और पीजी छात्रा ने 4 जनवरी को आत्महत्या कर ली थी. डॉ साइट ने दावा किया कि 50 से 70 रेजिडेंट डॉक्टर शुक्रवार को उनकी हड़ताल में शामिल होंगे.
कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरा
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने एमबीबीएस इंटर्न की सुसाइड की कोशिश के मामले में सरकार पर हमला बोला. उन्होंने इस घटना को लेकर ये ट्वीट किया - राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज में फिर एक डॉक्टर कार्तिक द्वारा आत्महत्या के प्रयास का समाचार दुर्भाग्यपूर्ण है. एक सप्ताह में दूसरे डॉक्टर द्वारा यह कोशिश कॉलेज के अंदरूनी हालात पर रोशनी डालती है. सरकार से अपेक्षा है कि वह बच्चों का जीवन बचाये. यह भी बताये कि स्यूसाइड प्रिवेन्शन कार्यक्रम की घोषणा का क्या हुआ? क्या शिवराज जी बतायेंगे कि विगत तीन साल में कितने डाक्टर्स ने पढ़ाई छोड़ दी? कितने बच्चों ने कालेज बदला? कितनों ने ट्रांस्फर लिया?इसकी सूची जारी करें और स्वयं रास्ता निकालें.