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रमजान के आखिरी जुमा पर एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद में नमाजियों की भीड़, वक्फ बिल के खिलाफ काली पट्टी बांधी

नमाजियों ने वक्फ बिल को लेकर गहरी नाराजगी जताई. नमाज के बाद लोगों ने कहा कि अगर यह बिल पारित हो गया तो मस्जिदों, दरगाहों, मदरसों, कब्रिस्तानों और कई अन्य धार्मिक संस्थानों पर कब्जा हो सकता है. 

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नमाजियों ने वक्फ बिल के खिलाफ काली पट्टी बांधकर जताया विरोध.
नमाजियों ने वक्फ बिल के खिलाफ काली पट्टी बांधकर जताया विरोध.

MP News: रमजान के आखिरी जुमा यानी जुमातुल विदा के मौके पर शुक्रवार को भोपाल में एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद ताज-उल-मसाजिद में हजारों नमाजियों की भीड़ उमड़ी. इस दौरान ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के आह्वान पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने हाथों में काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की और वक्फ (संशोधन) बिल 2024 के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध दर्ज किया.

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नमाजियों ने वक्फ बिल को लेकर गहरी नाराजगी जताई. नमाज के बाद लोगों ने कहा कि अगर यह बिल पारित हो गया तो मस्जिदों, दरगाहों, मदरसों, कब्रिस्तानों और कई अन्य धार्मिक और charitable संस्थानों पर कब्जा हो सकता है. 

AIMPLB ने इसे "मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला" करार देते हुए देशभर में काली पट्टी के साथ विरोध का आह्वान किया था. भोपाल की ताज-उल-मसाजिद में भी इस आह्वान को व्यापक समर्थन मिला, जहां नमाजियों ने एकजुटता दिखाते हुए बिल को रद्द करने की मांग की.

रमजान के आखिरी जुमा पर ताज-उल-मसाजिद में नमाजी.

यह विरोध उस समय हुआ, जब देश के कई शहरों में भी इसी तरह की गतिविधियां देखी गईं. ताज-उल-मसाजिद में भारी भीड़ और शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने इस मुद्दे की गंभीरता को उजागर किया. स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, ताकि नमाज और विरोध प्रदर्शन सुचारु रूप से संपन्न हो सके. इस घटना ने वक्फ बिल को लेकर चल रही बहस को और तेज कर दिया है.

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