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Bhopal: लोन ऐप के जाल में फंसकर खत्म हो गया था पूरा परिवार, SIT की जांच में खुला ये राज

मध्य प्रदेश के भोपाल में बीते महीने लोन ऐप के झांसे में फंसकर एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली थी. आत्महत्या से पहले मृतक ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसको लेकर पुलिस ने सख्ती से जांच की थी. अब इस मामले में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है.

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लोन ऐप के जाल में फंसकर खत्म हो गया था पूरा परिवार. (File Photo)
लोन ऐप के जाल में फंसकर खत्म हो गया था पूरा परिवार. (File Photo)

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते महीने एक हंसता खेलता परिवार मार्केट में फैले लोन ऐप के जंजाल में फंसकर खत्म हो गया था. इनमें आठ साल का बेटा, तीन साल की बेटी और पति-पत्नी शामिल थे. एक छोटी सी गलती इस परिवार पर इतनी भारी पड़ी कि सामूहिक खुदकुशी करनी पड़ी. बच्चों को जहर दिया और पति-पत्नी ने फांसी लगा ली थी.

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घर के मुखिया ने परेशानी से निकलने की काफी कोशिश की थी, लेकिन जब बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आया तो जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया था. मरने से पहले इस परिवार ने 4 पेज का एक सुसाइड नोट छोड़ा था. यह घटना भोपाल के रातीबड़ में 12 जुलाई की रात हुई थी. यहां भूपेंद्र विश्वकर्मा परिवार की सामूहिक आत्महत्या मामले में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने 5 आरोपियों को अरेस्ट किया है.

दरअसल, सरकार ने सामूहिक आत्महत्या मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. जांच के दौरान एसआईटी ने पाया कि मृतक भूपेंद्र के खाते से भोपाल के एक निजी बैंक खाते में 95 हजार रुपये ट्रांसफर हुए थे. यहीं से पुलिस को पहला सुराग मिला. इसके बाद पुलिस ने जानकारी निकाली तो यह भोपाल की अमायरा ट्रेडर्स नाम की फर्म का करंट अकाउंट निकला. खाताधारक शारिक बेग नाम का शख्स था, जिसने अरशद बेग के साथ मिलकर खाता खुलवाया था.

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शारिक बेग और अरशद ने यह काम उबेस खान नाम के शख्स के कहने पर किया था, जो एक पार्टी से खाता खुलवाकर जालसाजों को देने का काम करता था. इसके अलावा पुलिस ने राजस्थान से शाजी नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था, जो मूलतः भोपाल का रहने वाला है. इसके अलावा एसआईटी ने निजी बैंक के कर्मचारी फरहान को भी गिरफ्तार किया है, जिसने गलत तरीके से अमायरा ट्रेडर्स का करंट अकाउंट खोला था.

आरोपी के खातों में करोड़ों का लेन-देन

पुलिस के मुताबिक, जिस अमायरा ट्रेडर्स के खाते में भूपेंद्र ने रुपये ट्रांसफर किए थे, उसमें करोड़ों रुपये का लेन-देन होता था. आरोपियों के बैंक खातों में भी कमीशन के 1 लाख 80 हजार रुपये ट्रांसफर हुए थे. इन सभी कड़ियों को जोड़ते हुए पुलिस आरोपियों तक तो पहुंच गई, लेकिन जिस शख्स ने कमीशन के रुपये आरोपियों को दिए, वह फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

एसआईटी ने जांच में पाया कि मृतक भूपेंद्र को रिकवरी के लिए जो कॉल आ रहे थे, वह देश के अलग-अलग शहरों के अलावा पाकिस्तान के पाए गए हैं. हालांकि इस बात की संभावना है कि यह कॉल्स इंटरनेशनल कालिंग कार्ड के जरिये किए गए हों.

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