
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' अवधारणा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक विशेष इकाई का गठन किया है. इसमें हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस रोहित आर्य को संयोजक और इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव सह-संयोजक बनाया है.
सूत्रों ने बताया कि BJP एक साथ चुनाव कराने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे मध्य प्रदेश में चर्चा और व्याख्यान आयोजित करने की योजना बना रही है. बता दें कि देश में एक साथ चुनाव कराने की व्यवस्था करने वाले दो विधेयक बीते दिसंबर में लोकसभा में पेश किए गए थे.
भार्गव ने एक न्यूज एजेंसी से कहा, "देश में एक साथ चुनाव कराना राष्ट्रीय हित के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है. समकालिक चुनाव से विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. हम इसे लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे."
पुष्यमित्र भार्गव ने 2022 में चुनावी राजनीति में प्रवेश करने से पहले हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में कार्य किया था. वहीं, रोहित आर्य साल 2024 में बतौर हाई कोर्ट जस्टिस रिटायर्ड होने के तीन महीने बाद वे BJP में शामिल हुए थे.
जस्टिस रोहित आर्य अप्रैल 2024 में ही रिटायर हुए थे. वह एमपी हाई कोर्ट के सबसे चर्चित जज रहे हैं. उन्होंने ही 2021 में स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
जस्टिस रोहित आर्य ने साल 2021 में कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी और नलिन यादव को धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के एक मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था. अपने आदेश में तत्कालीन जस्टिस आर्य ने कहा था कि संविधान के मुताबिक सद्भाव और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बाद में हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए मुनव्वर फारूकी को जमानत दे दी थी.
कौन हैं रिटायर्ड जस्टिस रोहित आर्य?
रिटायर्ड जस्टिस रोहित आर्य ने BA और LLB किया है. हाई कोर्ट में 29 साल तक वकील के तौर पर प्रैक्टिस भी की है. आर्य को 16 सितंबर 2013 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस और 26 मार्च 2015 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.