मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले (Chhatarpur) में थाने में उपद्रव करने वालों पर सरकार ने सख्त एक्शन लिया है. यहां आरोपी की 10 करोड़ की हवेली को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया. इसी के साथ गृहस्थी का सामान, तीन कारें, एक बुलेट और स्कूटी को भी कुचल दिया गया. दरअसल, सिटी कोतवाली में बुधवार दोपहर करीब 4 बजे ज्ञापन देने के बहाने अन्य समुदाय के लोग पहुंचे थे. वहां जाकर पूरी प्लानिंग के तहत पत्थरबाजी की गई.
इस घटना में थाना प्रभारी अरविंद कुजूर सहित दो पुलिस आरक्षक घायल हो गए थे. पुलिस ने कड़ा एक्शन लेते हुए 150 लोगों के खिलाफ बलवा एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. इनमें से 50 नामजद शामिल थे.
छतरपुर पुलिस प्रशासन ने हिंसा के आरोपी जिस हाजी शहजाद अली की कोठी को गिराया है, वो कांग्रेस का जिला उपाध्यक्ष है. शहजाद का भाई आजाद अली भी कांग्रेस पार्षद है. जिस आलीशान कोठी पर बुलडोजर चला, उसकी कीमत करीब 10 करोड़ रुपये आंकी गई है. यह कोठी 11 हजार स्क्वायर फीट से भी ज्यादा एरिया में मस्तान शाह बाबा कॉलोनी में बनाई गई थी. कोठी के अंदर रखा गृहस्थी का सामान और दो सफारी कारों के साथ एक अन्य कार और एक बुलेट व दो स्कूटी को भी कुचल दिया गया.
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छतरपुर के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) ललित शाक्यवार ने कहा था कि धार्मिक नेता सैय्यद हाजी अली और सैय्यद जावेद अली के नेतृत्व में 300-400 लोग ज्ञापन देने थाने पहुंचे थे. वे रामगिरी महाराज के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. शाक्यवार ने बताया कि भीड़ अचानक आक्रामक हो गई और पथराव शुरू कर दिया, जो करीब दस मिनट तक जारी रहा, जिसके बाद पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले दागने पड़े थे.
इस दौरान कोतवाली प्रभारी अनिल कुजूर के हाथ और सिर में गंभीर चोटें आईं. उनका इलाज चल रहा है. कॉन्स्टेबल भूपेंद्र प्रजापति भी घायल हो गए थे. इस घटना के बाद पुलिस टीमों ने गश्त की और सीसीटीवी फुटेज व वीडियो की मदद से पथराव में शामिल लोगों की पहचान की.
लोगों को इकट्ठा करने के लिए विशेष समुदाय के लोगों ने छपवाए थे कार्ड
ज्ञापन देने के लिए लोगों को इकट्ठा करने के लिए विशेष समुदाय के लोगों ने कार्ड भी छपवाए थे, जो अगले दिन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ट्वीट कर वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कही थी, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई को अंजाम दिया.
बुलडोजर एक्शन से पहले नगर पालिका ने इसकी सूचना संबंधित को दे दी थी. इसके 2 घंटे के भीतर घर खाली करने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन किसी ने सामान नहीं हटाया. इसके बाद प्रशासन की टीम ने सामान सहित पूरी कोठी को मिट्टी में मिला दिया.
घटना को लेकर कमेटी के लोगों ने क्या कहा था?
अंजुमन इस्लामिया कमेटी के जावेद अली ने कहा था कि वे और उनके सहयोगी ज्ञापन देने थाने गए थे, तभी कुछ लोगों ने बाहर से पथराव शुरू कर दिया था. हमें नहीं पता कि पथराव में कौन शामिल था. जब हम बाहर निकले तो हमें भी पत्थर लगे. जावेद अली ने कहा था कि उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और घरों के अंदर रहने की अपील की.
छतरपुर एसपी अगम जैन ने कहा कि विशेष समुदाय के लोग थाने में ज्ञापन देने आए थे. कुछ लोगों ने पथराव कर दिया था. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. छतरपुर शहर में शांति व्यवस्था सामान्य है. कहीं कोई दिक्कत नहीं है.
महाराष्ट्र पुलिस का बयान सामने आया था, जिसमें कहा गया था कि कुछ दिन पहले रामगिरी महाराज ने नासिक जिले के सिन्नर तालुका के शाह पंचले गांव में एक कार्यक्रम किया था, जिसमें एक टिप्पणी कर दी थी. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. उनकी टिप्पणी के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.