देश की धरा पर बने चीतों के इकलौते घर मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में प्रोजेक्ट चीता के तहत सर्वाइव कर रहे 3 मादा चीताओं के 14 शावक अब कूनो के जंगल में न केवल उछल-कूद कर रहे हैं,्बल्कि अपनी माताओं के साथ जंगल में शिकार करना और भोजन का प्रबंध करना भी सीख रहे हैं. यही वजह है कि कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने 12 मई को मदर्स-डे के उपलक्ष्य में तीनों मादा चीताओं और उनके शावकों की अठखेलियां और उनकी कहानी को वीडियो के माध्यम से सार्वजनिक किया है. साथ ही मादा ज्वाला और गामिनी के शावकों की स्टोरी जारी की.
वर्तमान में कूनों पार्क में कुल 27 चीते हैं, जिसमें 13 वयस्क और 14 शावक हैं. इन शावकों को गर्मी से बचाने के लिए कूनो प्रबंधन ने व्यापक इंतजाम भी किए हैं.
पहली कहानी मादा चीता आशा की है. चीता आशा 6 साल की है और उसने 3 जनवरी 2024 को 3 शावकों को जन्म दिया था. 17 सितंबर 2022 को 8 चीतों की खेप में नामीबिया से लाई गई मादा चीता आशा को नर चीता पवन के साथ गत वर्ष सितंबर माह में एक बाड़े में छोड़ा गया. अब ये शावक चार माह से अधिक के हो चुके हैं और कूनो के जंगल में खूब उछल कूद कर रहे हैं.
मादा चीता आशा अपने नन्हें शावकों को न केवल कूनो के जंगल से रूबरू करा रही है, बल्कि शिकार करना और भोजन का प्रबंधन करना भी सिखा रही है. यही वजह है कि तीनों शावक न केवल अठखेलियां कर रहे हैं, बल्कि छोटे वन्यजीवों, पक्षियों पर झपट्टा भी मारते नजर आ रहे हैं. विशेष बात यह है कि तीनों शावकों के लिए भारत की भीषण गर्मी का ये पहला मौसम है,लिहाजा मां आशा इन शावकों को गर्मी से भी बचाव करने का प्रयास करती नजर आती है. देखें Video:-
शुक्रवार को कूनो प्रबंधन ने मदर चीता ज्वाला की शॉर्ट मूवी शेयर की जिसमें चीता ज्वाला अपने नन्हें शावकों के साथ मस्ती करती, उनकी केयर करती और उन्हें जंगल के परिवेश में अपने साथ घुमाने के लिए ले जाती हुई दिखाई दे रही है. उन्हें अपना दूध पिलाकर अपनी जीव से चाटते हुए दिखाई दे रही है. यह पल बेहद खास हैं, जो हर किसी को कूनो आने और चीतों का दीदार करने के लिए और भी ज्यादा उत्सुक करेंगे.
यहां बता दें कि ज्वाला चीता कूनो आने के बाद अब तक दो बार मां बन चुकी है. पहली बार उसने 4 शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से 3 की मौत हो गई थी. एक शावक डॉक्टरों की निगरानी में रहकर एक वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका है, जो पूरी तरह से स्वस्थ है लेकिन, इंशानो के संपर्क में रहने के बाद ज्वाला ने अपने उस चीते को अपने पास नहीं रखा लेकिन अब वह अपने नन्हे शावकों की देखरेख और केयर में कोई कसर नहीं छोड़ रही. उन्हें प्राकृतिक परिवेश में पालकर बड़ा कर रही है. इसलिए भी कूनो की यह चीता मदर बेहद खास हैं. देखें Video:-
कूनो पार्क के ऑफिशयल एक्स हैंडल पर शार्ट मूवी शेयर करते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने इन मदर चीताओं के लिए लिखा, तीन मांओं की कहानी को आगे बढ़ाते हुए आज हम दूसरी बार मां बनी चीता ज्वाला मां की दिलचस्प कहानी पेश करते हैं. पार्क के हृदय में लहलहाती घास और तेज़ गर्मी के बीच यह गौरवान्वित मां मातृभक्ति से भरी है.
कूनो नेशनल पार्क के एपीसीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा ने aajtak को फोन कॉल पर बताया, कूनो में 3 मादा चीताओं के 14 शावक हैं. ये बेहतर ढंग से सर्वाइव कर रहे हैं. 12 मई को मदर्स-डे है, लिहाजा हमने मां के रूप में मादा चीताओं और उनके शावकों की ममत्वमयी तस्वीर पेश करने का प्रयास किया है. जिसके तहत बीते दो दिनों में हमने आशा और ज्वाला और उनके शावकों की वीडियो स्टोरी जारी की है.