Sheopur Cheetah Update: कूनो नेशनल पार्क से निकलकर 90 किलोमीटर दूर श्योपुर शहर के पास पहुंचा चीता तीसरे दिन भी शहर से सटे रिहायशी इलाके में मौजूद है. कूनो पार्क के अफसरों को उम्मीद थी कि वह वापस जंगल की ओर लौट जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सोमवार को चीते की लोकेशन ढेंगदा गांव और शहर के बीच ही मिली है.
इसी बीच चीता एक बार फिर किसी राहगीर के मोबाइल फोन के कैमरे कैद हुआ है. चीता की आमद के बाद क्षेत्र में दहशत है. हालांकि, शहर तक पहुंचे नर चीता अग्नि की निगरानी के लिए कूनो की ट्रेकिंग टीमों के साथ ही सामान्य वनमंडल के लगभग 30 अधिकारी-कर्मचारियों की टीम लगी है.
सूत्रों की मानें तो चीता के शिकार की भी व्यवस्था वन अमले ने की. यही वजह रही कि बीती शाम को एक जानवर का शिकार भी झाड़ियों में किया गया. चीता बीती रातभर श्योपुर और ढेंगदा के बीच अमराल नदी के उस पार लगी क्रेशर के कुछ दूर झाड़ियों में भी बैठा रहा. फिर आज सोमवार को फिर से उसी स्थान के पास चीते की चहलकदमी कैमरे में कैद हुई है.
कुछ दिन पहले ही लांघी कूनो की सीमा
इसी माह 4 दिसंबर को बाड़े से खुले जंगल में छोड़े गए चीता वायु और अग्नि कुछ दिन बाद ही अपनी-अपनी टैरेटरी बनाने के लिए अलग हो गए. बताया गया है कि इसमें से चीता अग्नि कुछ दिन पूर्व कूनो नेशनल पार्क की सीमा लांघकर बाहर आ गया. इसके बाद पिछले 4 दिनों से ये श्योपुर के सामान्य वनमंडल के क्षेत्र को नापते हुए शनिवार की शाम को ढेंगदा के निकट के जंगल में पहुंच गया और रविवार की सुबह ये क्रेशर के पास नजर आया, जिसका स्थानीय लोगों ने वीडियो बना लिया. देखें Video:-
नर चीता वायु और अग्नि को बाड़ों में से गत 4 दिसंबर को ही कूनो के खुले जंगल में छोड़ा गया था. अहेरा क्षेत्र में इन चीतों को छोड़ा गया था, लेकिन तब से ही खुले जंगल में इधर-उधर घूम रहे थे. इसी बीच रविवार को एक चीता श्योपुर शहर और ढेंगदा के बीच नजर आया. इस चीते को नर चीता अग्नि बताया जा रहा है. ये अग्नि पिछले साल दिसंबर में राजस्थान के बारां जिले की सीमा में पहुंच गया था.
चीता की मॉनिटरिंग और सुरक्षा पर सवाल
खुले जंगल में छोड़े जाने के एक पखवाड़े के बाद ही एक चीता बाहर निकलकर श्योपुर शहर तक आ पहुंचा है. ऐसे में अब चीतों की सुरक्षा और मॉनिटरिंग पर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्योंकि रविवार को चीते के शहर के निकट नजर आने और वीडियो वायरल होने के बाद भी कूनो के अफसर कुछ कहने से बचते रहे.
'चीते जहां भी हैं, सुरक्षित हैं'
यही नहीं, कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर थिरुकुराल ने कॉल तक रिसीव नहीं किया गया, जबकि सीसीएफ उत्तमकुमार शर्मा भी अधिकृत रूप से कुछ कहने से बचते नजर आए. कूनो नेशनल पार्क में संचालित चीता प्रोजेक्ट के डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने आजतक को फोन कॉल पर सिर्फ इतना ही बताया कि हम चीतों की लोकेशन शेयर नहीं करते हैं. चीते जहां भी हैं, सुरक्षित हैं.