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मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बोरवेल में गिरी 3 साल की बच्ची को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. बोरवेल से बाहर निकालने के बच्ची को सीधे अस्पताल ले जाया गया. मामला बिजावर क्षेत्र के ललगुवा गांव का है. पुलिस और प्रशासन की टीम ने रस्सी का फंदा बनाकर बच्ची के हाथ में फंसाया और बच्ची को रस्सी के सहारे बहार निकाला. यह पूरा रेस्क्यू ऑपरेशन मात्र चार घंटे में किया गया.
जानकारी के मुताबिक, ललगुवा में रहने बाले रवि विश्वकर्मा की तीन वर्षीय बेटी नैंसी विश्वकर्मा रविवार शाम को खेत में मटर तोड़तर खा रही थी. तभी अचानक से वह पास के बोरवेल में गिर गई. चीख पुकार मचते ही वहां मौजूद बच्ची के परिवार वालों ने उसे बचाने का प्रयास किया. देखते ही देखते गांव के और लोग भी वहां आ पहुंचे.
तुरंत पुलिस और प्रशासन को इसकी सूचना दी हई. मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम ने बच्ची को बचाने का प्रयास शुरू किया. रेस्क्यू ऑपरेशन करते हुए 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद 3 वर्षीय नैंसी को रात करीब 9 बजकर 15 मिनिट पर सकुशल बोरवेल से निकाला गया. लेकिन बच्ची को निकालने के लिए पुलिस और प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
बोरवेल के अंदर सीसीटीवी कैमरा डालकर स्क्रीन से बच्ची की हर हरकत पर नजर रखी गई. इसके अलावा बोरवेल से कुछ दूरी पर बुलडोजर से गड्ढा किया गया ताकि सुरंग बनाकर बच्ची को सकुशल बाहर निकाला जा सके. लेकिन उसकी नौबत ही नहीं आई और उसके पहले ही बच्ची को बोरवेल के गड्ढे में रस्सी डालकर कुशलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया.
जब बच्ची बाहर आई तो वहां मौजूद लोगों की भीड़ ने प्रशासन की जय जयकार लगाई साथ ही इस रेस्क्यू ऑपरेशन में काम करने वाली पूरी पुलिस और प्रशासन की टीम का आभार व्यक्त किया. जिस दौरान रेस्क्यू चल रहा था उस दौरान बच्ची के परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल था और सभी यही दुआ कर रहे थे कि नैंसी सकुशल बोरवेल से बाहर निकल आए. सब की दुआ काम आई और प्रशासन की मेहनत रंग लाई जिसकी बदौलत बच्ची आज सकुशल सबके बीच में है.
बच्ची के निकलने के बाद ही प्रशासन की टीम ने तत्काल उसके चेकअप के लिए बिजावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां पर चेकअप के बाद उसे स्वास्थ्य पाया गया. डॉक्टर मनोज चौधरी ने बताया कि जिला अस्पताल में 24 घंटे के लिए एडमिट किया गया है. इसके बाद उसे अस्पताल से घर भेज दिया जाएगा.