बाबा बागेश्वर धाम आने वाले भक्तों में एक भक्त चर्चा में है. ये भक्त हैं मध्य प्रदेश के सिवनी जिले की एमबीबीएस छात्रा शिवरंजनी तिवारी. ये छात्रा गंगोत्री से बागेश्वर धाम के लिए यात्रा पर निकली है. शिवरंजनी तिवारी की बागेश्वर धाम में आस्था है. शिवरंजनी तिवारी ने 14 जून को छतरपुर में प्रवेश किया. इसके बाद रात करीब 8 बजे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. शिवरंजनी ने 16 जून की दोपहर करीब 1 बजे मीडिया से बात की.
'उन्हें प्राणनाथ मानती हूं, मतलब अपना भगवान'
जब तक बाबा बागेश्वर का एकांतवास खत्म नहीं होता, उनके फिर से दरबार लगाने का इंतजार करेंगी? इस सवाल के जवाब में शिवरंजनी ने कहा कि अब जब धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम में नहीं हैं तो मैं बाहर रुककर क्या करूंगी. जब वह आएंगे, तभी तो दरबार लगेगा. अभी फिलहाल जल चढ़ाकर घर चली जाऊंगी.
जब शिवरंजनी से पूछा गया कि बाबा बागेश्वर ने आपको बिटिया बोला है, इस पर आप क्या कहना चाहेंगी? शिवरंजनी ने कहा कि मैंने कभी नहीं सुना कि धीरेंद्र शास्त्री ने मुझे बिटिया कहकर बुलाया हो, मैं तो उन्हें प्राणनाथ मानती हूं मतलब अपना भगवान.
शिवरंजनी से पूछा गया कि आपने अपनी पढ़ाई कहां से की है. इसके जवाब में बताया कि मैं जिस कॉलेज से एमबीबीएस कर रही हूं, उसे मैं मीडिया में नहीं लाना चाहती, क्योंकि मैं वहां की अभी स्टूडेंट हूं. मुझे एक साल ही हुआ है. मैं नहीं चाहती कि मेरी पढ़ाई में कोई परेशानी आए.
अब एजुकेशन को लेकर कोई पब्लिसिटी नहीं चाहती
शिवरंजनी ने कहा कि मैंने 10वीं और 12वीं छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ से की है. विवेकानंद पब्लिक स्कूल की छात्रा रही हूं. मैंने संगीत में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से हिंदुस्तानी गायन में टॉप किया है. बाकी एमबीबीएस कॉलेज का नाम मैं शेयर नहीं करना चाहती. मैं पहले से बहुत ज्यादा वायरल हो चुकी हूं. अब एजुकेशन को लेकर कोई पब्लिसिटी मैं नहीं चाहती.
'कैंसर रोगियों के लिए करना चाहती हूं काम'
जब पूछा गया कि आगे का क्या प्लान है, किस तरह की डॉक्टर बनना चाहती हैं. इस पर शिवरंजनी ने कहा कि मैं कैंसर रोगियों के लिए काम करना चाहती हूं, जिसकी मैं तैयारी कर रही हूं. इसके अलावा यात्रा को लेकर किए गए सवाल के जवाब में शिवरंजनी ने कहा कि करीब 1200 किलोमीटर का सफर कर चुकी हूं.
अब छतरपुर से बागेश्वर धाम की दूरी 30 किलोमीटर बची है. अचानक तबीयत बिगड़ने की वजह से सफर कठिन हो रहा है. मगर मैं आज ही बागेश्वर धाम पहुंच जाऊंगी. रास्ते में बहुत दिक्कतें आईं, मगर फिर भी हम बागेश्वर धाम पहुंचेंगे.
बाबा से नहीं मिल सकीं, शिवरंजनी ने दिया ये जवाब
शिवरंजनी से जब पूछा गया कि आपको कैसा महसूस हो रहा है, इतना सफर करने के बाद बाबा से नहीं मिल पाईं. इस पर कहा कि देखिए पहले नहीं सोचा था कि मेरी मुलाकात नहीं हो पाएगी. अभी मुझे पता चला है कि वह अज्ञातवास पर गए हैं. उनसे न मिलने का दुख तो है, मगर बागेश्वर धाम के भोलेनाथ को जल जरूर चढ़ाऊंगी. हो सकता है कि बाला जी सरकार की ऐसी इच्छा हो कि इस बार दर्शन न हो पाएं, लेकिन ऐसा नहीं है कि दर्शन आगे नहीं होंगे.
'मेरा परिवार मेरे साथ है, जल चढ़ाकर घर चली जाऊंगी'
शिवरंजनी ने कहा कि अभी नहीं तो फिर कभी होंगे. मैं लगातार बागेश्वर धाम में नहीं रहूंगी, जल अर्पित करने के बाद घर चली जाऊंगी, लेकिन दोबारा फिर बागेश्वर धाम आऊंगी. आपकी भक्ति को देखकर आपके परिजनों का क्या मानना है? इसके जवाब में शिवरंजनी ने कहा कि मेरी यात्रा में मेरा परिवार मेरे साथ है और संतुष्ट भी है. मेरे पिता और मेरे भाई मेरे साथ चल रहे हैं.