Kamal Nath Cake Controversy: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ अपने जन्मदिन पर मंदिर की आकृतिनुमा केक काटकर विवाद में घिर गए. इस मामले में भाजपा ने जब घेरना शुरू किया तो केक कटवाने वाली केकेएफ फाउंडेशन की कीर्ति सुधांशु ने माफी मांग ली. उन्होंने कहा कि हमारी भावना सही थी, केक बनाने में गलती हो गई है.
बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसीसी चीफ कमल नाथ ने छिंदवाड़ा स्थित शिकारपुर आवास पर समर्थकों के बीच अपना जन्मदिन मनाया. इस दौरान कमल नाथ ने मंदिर की आकृतिनुमा केक काटा था. इसके बाद से भारतीय जनता पार्टी हमलावर हो गई है.
छिंदवाड़ा सहित पूरे प्रदेश में केक कंट्रोवर्सी को लेकर मचे बवाल पर कमल नाथ और कांग्रेस बुरी घिर गई. इस मामले में छिंदवाड़ा में केकेएफ फाउंडेशन की कीर्ति सुधांशु ने मीडिया के सामने आकर माफी मांगी.
KKF की फाउंडेशन कीर्ति सुधांशु ने कटवाया था कमल नाथ से केक
बता दें कि KKF फाउंडेशन की कीर्ति सुधांशु ने ही कमल नाथ से केक कटवाया था. इस केक पर मंदिर की आकृति बनी थी. गुरुवार को इस मामले में केकेएफ फाउंडेशन की कीर्ति ने इस मामले में माफी मांगते हुए कहा कि हम करने कुछ गए थे, हो कुछ और गया, इससे हम आहत हैं. हम क्षमा प्रार्थी हैं. बेवजह मुद्दा बनाकर उछाल दिया. उन्होंने आगे कहा कि गलती हमारी भावनाओं में नहीं, गलती हमारी केक बनाने में थी.
वीडियो सामने आने के बाद शिवराज सिंह ने साधा निशाना
इसके बाद जब इस आयोजन का वीडियो वायरल हुआ तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमल नाथ पर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेसियों का भगवान की भक्ति से कोई लेना-देना ही नहीं है, यह बगुला भगत हैं. इनकी पार्टी कभी श्रीराम मंदिर का विरोध करती थी. आप मंदिर की आकृति वाला केक काट रहे हैं. यह सनातन परंपरा और हिंदू धर्म का अपमान है, जिसको यह समाज स्वीकार नहीं करेगा.