मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले की एक अदालत ने 5 साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के मामले में 22 साल के युवक को मौत की सजा सुनाई. 2 साल 8 महीने और 9 दिन के भीतर अदालत ने दरिंदगी मामले में यह फैसला सुनाया.
जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि सोहागपुर द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे ने किशन उर्फ चिनू मछिया को भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया.
''अनुज बधू भगिनी सुत नारी, सुनू सठ कन्या सम ए चारी। इन्हहि कुदृष्टि बिलोकइ जोई, ताहि बधें कछु पाप न होई।।'' अर्थात छोटे भाई की पत्नी, बहन, पुत्र की स्त्री और कन्या ये सभी समान होती हैं. इनकी तरफ कोई बुरी नजर से देखता है तो उसे मारने में कुछ भी पाप नहीं रहता.
जज सुरेश कुमार चौबे ने अपने फैसले में श्रीरामचरितमानस की यह चौपाई सुनाते हुए कहा, "हर एक निश्छल, निर्दोष, मासूम, अबोध बालिका का बलात्कार एक विरलतम से विरलतम घटना है. बलात्कार और हत्या के मामले को किसी भी दृष्टि से सामान्य नहीं माना जा सकता. मृत्युदंड ही इसकी सजा है."
क्या है पूरा मामला
नर्मदापुरम जिले के शोभापुर में एक 6 साल की बच्ची 25 दिसंबर, 2021 को घर से लापता हो गई थी. सभी जगह तलाशने के बाद बच्ची का शव छत पर मिला और जांच में पता चला कि गला घोंटने से पहले उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए गए थे. उसके बड़े भाई ने पुलिस को बताया कि जब वे खेल रहे थे तो परिचित मछिया छत पर आया था. इसी आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया. जांच के दौरान आरोपी का डीएनए प्रोफाइल भी घटनास्थल से एकत्र नमूनों से मेल खा गया था.