मध्य प्रदेश का भोपाल नगर निगम इन दिनों कबाड़ से जुगाड़ के जरिए चीजें बनाने के लिए सुर्खियों में है. यहां अनुपयोगी सामान से बड़े साइज का ट्रांजिस्टर और रुद्र वीणा बनाया जा चुका है. इन चीजों को शहर के मुख्य चौराहों पर लगाया गया है.
नगर निगम के इसी आइडिया पर काम करते हुए भोपाल के जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन राकेश श्रीवास्तव ने पुराने और कबाड़ में तब्दील हो चुके कई पलंग से रैक बनवाने का काम शुरू किया है. अब तक 10 रैक बनाए जा चुके हैं. ऐसा करने से अस्पताल को लगभग एक लाख रुपये की बचत हुई है. इन रैक पर पुराना रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा.
एक रैक बनाने में हो रहा है 6 पलंग का इस्तेमाल
इन रैक्स पर वर्षों से अस्पताल में रखे रिकॉर्ड के बंडल रखे जाएंगे. साथ ही इनका उपयोग रिकॉर्ड सेक्शन में मरीजों का रिकॉर्ड रखने में किया जा रहा है. पलंग से बने होने के कारण ये रैक अन्य रैक्स की तुलना में ज्यादा मजबूत हैं. एक रैक बनाने में 6 पलंगों का इस्तेमाल हो रहा है.
जुगाड़ से 10 रैक बना चुके हैं राकेश श्रीवास्तव
दरअसल, अस्पताल में 6 महीने पहले 200 से ज्यादा पलंग बदले गए हैं. इसके चलते भारी संख्या में कबाड़ में तब्दील हो चुके पलंग अस्पताल में जमा हो गए हैं. Aajtak से बात करते हुए सिविल सर्जन राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि कबाड़ से जुगाड़ की परिपाटी पर हम पुराने पलंगों से 10 रैक बना चुके हैं. आगे भी काम जारी है.
सिविल सर्जन के इस काम की हो रही चर्चा
सिविल सर्जन राकेश श्रीवास्तव के इस काम की काफी चर्चा हो रही है. लोग उनके काम की सराहना कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस तरह के प्रयास से कबाड़ हो चुकी चीजें दोबारा काम में आ जाती हैं. इससे पैसे की भी बचत होती है. वहीं, स्वास्थ्य महकमे में भी उनकी तारीफ हो रही है.