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MP की इस नगर निगम में बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद भिड़े... एक पार्टी ने 'अर्थी' निकाली, दूसरी ने किया शुद्धिकरण

MP Rewa News: कांग्रेस पार्टी की अगुआई में नगर पालिक निगम का बजट रवि तिवारी ने पेश किया. इस पर चर्चा होनी थी लेकिन भाजपा पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया. देखते ही देखते नगर निगम का हॉल अखाड़ा बन गया. जमकर नारेबाजी होने लगी. भाजपा और कांग्रेसी पार्षद आमने सामने आ गए. 

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BJP और कांग्रेस पार्षदों के बीच हुई झड़प.
BJP और कांग्रेस पार्षदों के बीच हुई झड़प.

मध्य प्रदेश की रीवा नगर पालिक निगम में बजट के दौरान जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस और भाजपा पार्षदों की बीच झूमा झपटी हो गई. बजट के विरोध में भाजपा पार्षदों ने अर्थी निकाली तो कांग्रेस के पार्षदों ने गंगाजल से शुद्धिकरण किया. भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस की शहर सरकार पर महापुरुषों के अपमान का करने का आरोप लगाया है. पार्षदों के विरोध के बाद बैठक एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई है.
 
दरअसल, रीवा महापौर कांग्रेस पार्टी से हैं, जबकि अध्यक्ष भाजपा का है. कांग्रेस पार्टी की अगुआई में नगर पालिक निगम का बजट रवि तिवारी ने पेश किया. इस पर चर्चा होनी थी लेकिन भाजपा पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया. देखते ही देखते नगर निगम का हॉल अखाड़ा बन गया. जमकर नारेबाजी होने लगी. भाजपा और कांग्रेसी पार्षद आमने सामने आ गए. 

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भाजपा के पार्षदों ने विरोध जताया है कि देश के महापुरुषों का कांग्रेस सम्मान नहीं कर रही है. दरअसल, बीजेपी की कॉपी में महापुरुषों और शहीदों के नाम के आगे श्री नहीं लिखा था. पार्षदों ने इसी कमी को मुद्दा बनाकर जमकर हंगामा किया, कुछ पार्षद हॉल में ही धरने पर बैठ गए, नारेबाजी की. 

इतना ही नहीं, भाजपा पार्षदों ने बजट की अर्थी निकल कर विरोध किया. इसके जवाब में कांग्रेसी पार्षदों ने नगर निगम का शुद्धिकरण करने के लिए गंगाजल का छिड़काव किया.

महापौर अजय मिश्रा का आरोप है कि बीजेपी पार्षदों के पास कोई मुद्दा नहीं है. महापुरुषों के अपमान की बात कह रहे हैं, लेकिन इनकी सरकार में महापुरुषों की प्रतिमा तक नहीं लगी है. लेकिन अब कांग्रेस का महापौर बनने के बाद प्रतिमाएं लगाई जा रही हैं. 

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उन्होंने कहा, बजट की कॉपी में एक महापुरुषों का नाम लिखने के पहले उनके सम्मान के साथ एक लाइन में 'श्री' लगाया गया था और फिर अन्य महापुरुषों के नाम लिख दिए गए थे. इस त्रुटि के लिए माफी मांगी गई. बावजूद इसके पार्षद विरोध करते रहे. भाजपा के पार्षद इसे अपमान कह रहे है. भाजपाई पार्षद विकास के मुद्दे की बात भी नहीं करना चाहते. जनता के बजट की अर्थी निकलना निंदनीय है. 

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