मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस को फिर एक बड़ा झटका लगा है. छिंदवाड़ा नगर निगम महापौर विक्रम अहाके ने सोमवार सुबह भोपाल पहुंचकर बीजेपी का दामन थाम लिया. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने विक्रम अहाके का स्वागत किया. नकुलनाथ के आदिवासियों को लेकर दिए गए बयान से आहत होकर विक्रम अहाके भाजपा में शामिल हुए हैं.
महापौर विक्रम अहाके के साथ छिंदवाड़ा नगर निगम जल विभाग सभापति प्रमोद शर्मा, अनुसूचित जाति विभाग जिला अध्यक्ष सिद्धांत थनेसर, पूर्व एनएसयूआई जिला अध्यक्ष आशीष साहू, पूर्व एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष धीरज राऊत, पूर्व एनएसयूआई जिला कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय, पूर्व एनएसयूआई विधानसभा अध्यक्ष सुमित दुबे भी भाजपा में शामिल हुए हैं. देखें क्या बोले विक्रम अहाके:-
इससे पहले, छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह बीजेपी में शामिल हुए थे. भोपाल के मुख्यमंत्री निवास पर अमरवाड़ा के विधायक कमलेश शाह के साथ उनकी धर्मपत्नी हरई नगरपालिका की पूर्व अध्यक्ष माधवी शाह और बहन जिला पंचायत सदस्य केसर नेताम ने बीजेपी की सदस्यता ली.
यही नहीं, कमलनाथ के करीबी विश्वासपात्र और साल 2019 में कमलनाथ के लिए अपनी सीट खाली करने वाले दीपक सक्सेना के बेटे अजय सक्सेना बीजेपी में शामिल हो गए थे.
दीपक सक्सेना को कमलनाथ सरकार के दौरान विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था और हाल ही में जब यह अटकलें लगाई गईं कि कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की संभावना है, तो सक्सेना सबसे पहले उनके पक्ष में बयान जारी करने वालों में से एक थे.
कुछ दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी सैयद जफर भी बीजेपी में शामिल हो गए थे. कांग्रेस प्रदेश महामंत्री, मीडिया उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता रह चुके सैयद जफर को भोपाल के बीजेपी कार्यालय में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, सीएम मोहन यादव ने पार्टी की सदस्यता दिलाई थी.
बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस नेता कमलनाथ के भविष्य के कदम को लेकर भी काफी अटकलें थीं. हालांकि, उनके सहयोगियों और दिग्विजय सिंह जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कई बार आश्वासन दिया कि कमलनाथ की BJP में शामिल होने की कोई योजना नहीं है. कमलनाथ ने भी कहा कि उनके BJP में जाने की अटकलें मीडिया की उपज थी, क्योंकि उन्होंने कभी ऐसा बयान नहीं दिया.
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राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भले ही कमलनाथ और नकुलनाथ के बीजेपी में जाने की अटकलों पर भी विराम लग चुका हो लेकिन कार्यकर्ता हताश हैं. एक के बाद एक नेता बीजेपी में शामिल होते जा रहे हैं.
दरअसल एमपी में सभी 29 लोकसभा सीट जीतने के लिए बीजेपी ने भी इस बार छिंदवाड़ा को लेकर खास रणनीति बनाई है.
लोकसभा चुनाव में एमपी की सभी 29 सीटों पर क्लीन स्वीप करने में छिंदवाड़ा सबसे बड़ा रोड़ा है, इसलिए छिंदवाड़ा को लेकर बीजेपी ने खास रणनीति बनाई है.
रणनीति के तहत छिंदवाड़ा के असंतुष्ट और प्रभावशाली नेताओं सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को बीजेपी में लाया जा रहा है जिससे कांग्रेस छिंदवाड़ा की ज़मीन पर कमजोर पड़े.
सूबे की 29 लोकसभा सीटों में से बीजेपी के पास 28 सीटें हैं जबकि इकलौती छिंदवाड़ा सीट पर कमलनाथ का कब्जा बरकरार है. उनके बेटे नकुलनाथ फिर से कांग्रेस के टिकट पर सांसद पद के उम्मीदवार हैं.
उधर, बीजेपी मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छिंदवाड़ा के लगातार दौरे कर अपना लक्ष्य बता चुके हैं.