मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दमोह में हुई घटना पर संज्ञान लिया है और घटना की मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दे दिए हैं. सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में शांति और सौहार्द बनाए रखना सरकार की विशेष प्राथमिकता है. दमोह में असामाजिक तत्वों ने कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया, जिसे पुलिस प्रशासन ने बखूबी संभाल लिया. घटना की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं.
सीएम यादव की ओर से कहा गया कि दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया संदेश में यह बात कही. उल्लेखनीय है कि दमोह के दमयंती नगर क्षेत्र में 3 फरवरी की रात लगभग 10 बजे बड़ी संख्या में असामाजिक तत्वों ने कोतवाली थाने का घेराव कर अनर्गल नारेबाजी की और कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया. इसी के बाद सीएम ने कलेक्टर दमोह ने घटना के कारणों की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
दर्जी से मारपीट के बाद थाने में भड़काऊ भाषण और हंगामा
बता दें कि मध्य प्रदेश के दमोह शहर में एक दर्जी और दूसरे समुदाय के कुछ लोगों के बीच हुए विवाद के कारण उनमें झड़प हो गई, जिसके बाद समुदाय के कई सदस्यों ने पुलिस थाना के समक्ष प्रदर्शन किया.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (SSP) अभिषेक तिवारी ने कहा कि पुलिस ने शनिवार रात हुई घटना के संबंध में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उनमें से एक को गिरफ्तार किया है. अन्य अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने घटना के संबंध में विरोध प्रदर्शन करने और भड़काऊ भाषण देने के लिए 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
एसएसपी तिवारी ने बताया कि कपड़े सिलने को लेकर चार लोगों का एक दर्जी से विवाद हो गया. जिसके कारण शनिवार की रात उनके बीच हाथापाई हो गई. इस दौरान कथित तौर पर एक धार्मिक नेता के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया.
पुलिस अधीक्षक (SP) सुनील तिवारी ने बताया कि कुछ देर बाद विरोध करने के लिए भीड़ कोतवाली थाने के बाहर जमा हो गई और भीड़ में से कुछ युवकों ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश.
उन्होंने बताया कि बताया कि भीड़ में शामिल चालीस लोगों पर दंगा करने और भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया है और उनकी पहचान की जा रही है. इस बीच घटना से जुड़े वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आए हैं.