मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने निवास पर मऊगंज जिले के शहीद पुलिस एएसआई रामचरण गौतम के परिवार को 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि का चेक सौंपा. यह राशि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की पुलिस सैलरी पैकेज योजना के तहत पूरक व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा सुविधा के तहत दी गई. साथ ही, मुख्यमंत्री ने शहीद गौतम के पात्र उत्तराधिकारी को सरकारी नौकरी में नियुक्त करने के निर्देश पुलिस महानिदेशक (DGP) को दिए.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री यादव ने कहा, "कर्तव्य निर्वहन के दौरान अपने प्राणों का बलिदान देने वाले पुलिस उपनिरीक्षक रामचरण गौतम को राज्य सरकार ने शहीद का दर्जा दिया है. उनकी पत्नी पुष्पा को यह चेक सौंपते हुए मुझे संतोष है कि उनके परिवार को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि दी जा रही है."
चेक सौंपने के मौके पर डीजीपी कैलाश मकवाना, भारतीय स्टेट बैंक के सीजीएम चंद्रशेखर शर्मा, महाप्रबंधक अजिताभ पाराशर, कुन्दन ज्योति, मनोज कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
यह घटना इस माह मऊगंज जिले के ग्राम गडरा में हुई, जहां ड्यूटी निभाने के दौरान रामचरण गौतम शहीद हो गए. मुख्यमंत्री ने शहीद की पत्नी पुष्पा, उनके पुत्र धीरेंद्र और भतीजे सतीश से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की.
CM ने कहा, "विधि का जो विधान था वह हुआ, लेकिन राज्य शासन की तरफ से शहीद रामचरण गौतम के परिवार को पूरा सहयोग दिया जाएगा." यह कदम शहीद के प्रति सम्मान और उनके परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है.
क्या है पूरा मामला
मऊगंज जिले में इसी माह हुई एक हिंसक घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था. यह घटना शाहपुर थाना इलाके के ग्राम गडरा में हुई. जहां एक युवक को बंधक बनाने और उसकी हत्या के बाद आदिवासियों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया था. पुलिस जब स्थिति को नियंत्रित करने और बंधक को छुड़ाने पहुंची, तो भीड़ ने लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया. इस हमले में ASI रामचरण गौतम गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई. कई अन्य पुलिसकर्मी और एक तहसीलदार भी घायल हुए थे.