मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 1984 हुई भोपाल गैस त्रासदी पर दुख जताया है. राजधानी भोपाल में आयोजित एक प्रेसवार्ता में कहा कि जहरीले कचरे के निष्पादन को लेकर हमने आगे बढ़ने का निर्णय लिया है. कोर्ट और विभाग की रिपोर्ट पर भोपाल से 250 किमी दूर निपटान की प्रक्रिया की जा रही है.
CM मोहन यादव ने कहा कि घटना को 40 साल हो चुके हैं, जबकि 25 साल में जहरीला पन खत्म हो जाता है और हम लोग भी इतने सालों से इसके साथ रहते आए हैं. इस कचरे को हम पीथमपुर में जलाने जा रहे है.. उसका पहले भी ड्राई रन कर चुके हैं. जिसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा की थी, उसी रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने इस कचरे को नष्ट करने के निर्देश हमें दिए थे. जिसमें यह साफ कर दिया था कि इस कचरे के जलने से पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
अगस्त 2015 में यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन का ट्रायल किया गया था. परीक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक कचरा जलाने से वातावरण में किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इस रिपोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने हमें कचरा जलाने के लिए निर्देशित किया. अगर हमें लंबे समय तक आगे बढ़ना है तो जो लोग राजनीति कर रहे हैं, उन्हें भरोसे में लेना होगा. जनप्रतिनिधियों से इस मामले में बातचीत करें.
CM यादव ने कहा कि प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय आज दिन में 3 बजे से इस मामले में बातचीत करेंगे और जन प्रतिनिधियों को विस्तार से कचरा उत्पादन की प्रक्रिया की जानकारी देंगे. जो लोग इस मामले को राजनीति कर रहे हैं, मैं उनसे कहना चाहूंगा कि कोर्ट के निर्देश के अनुसार सरकार कार्य कर रही है. हमें जनता की भी चिंता है.