
मध्य प्रदेश के मु्ख्यमंत्री मोहन यादव ने विपक्षी कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. बतौर सीएम विधानसभा में अपने पहले संबोधन में मोहन यादव का आक्रामक अंदाज नजर आया. सीएम मोहन ने भगवान राम और राम मंदिर के बहाने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने विपक्षी कांग्रेस पार्टी को संभल जाने की नसीहत दी और साथ ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि आंदोलन में उतरने की चुनौती भी दे दी.
सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय राम सेतु को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे का भी जिक्र किया. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आप कोर्ट में ये सर्टिफिकेट देते थे कि भगवान राम काअस्तित्व कहां है. सीएम मोहन ने ये भी कहा कि कपिल सिब्बल का हलफनामा आज भी इस बात के लिए लज्जित करता है कि आपने प्रभु श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाए थे.
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उन्होंने आगे कहा कि जो राम को काल्पनिक बताते थे, आज राम-राम कर रहे हैं. मोहन यादव ने कांग्रेस को श्रीकृष्ण जन्मभूमि के आंदोलन में साथ आने की चुनौती दी तो साथ ही एक नसीहत भी. उन्होंने कहा कि अब भी संभल जाओ. राम की बात पूरी हो गई, अब मथुरा में श्रीकृष्ण के लिए आओ. कौन मना कर रहा है. उन्होंने ये ऐलान भी किया कि मध्य प्रदेश में जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े, मध्य प्रदेश सरकार उन सभी स्थलों को तीर्थ बनाएगी.
सीएम मोहन यादव ने कहा कि एमपी के उज्जैन, धार जिले के अमझेरा और इंदौर के पास जानापाव में भगवान श्रीकृष्ण के पैर पड़े थे. इन तीनों स्थलों को तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा. सीएम मोहन के इस बयान को कांग्रेस की सॉफ्ट हिंदुत्व वाली लाइन पर प्रहार के रूप में देखा जा रहा है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश चुनाव के समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे कमलनाथ सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर थे. कांग्रेस के नेता कमलनाथ की हनुमान भक्त वाली इमेज गढ़ने में जुटे थे तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में राम वन गमन पथ के निर्माण का भी वादा किया था.
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अब मोहन यादव ने राम के बहाने कांग्रेस को निशाने पर लिया तो इसे विपक्षी पार्टी के इसी दांव पर वार माना जा रहा है. बता दें कि मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा का ये पहला सत्र है. मोहन यादव ने 13 दिसंबर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. मोहन यादव को बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया था.