मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव गुरुवार को उज्जैन पहुंचे. सबसे पहले वह शिप्रा नदी के तट अखाड़ा घाट गए. यहां उन्होंने स्नान किया और नदी में गोता लगाकर तैरते हुए भी नजर आए.
बता दें कि कई दिनों से शिप्रा नदी को लेकर राजनीतिक मुद्दा चल रहा था. विपक्ष लगातार यह आरोप लगाता रहा है कि शिप्रा में गंदे नाले मिलते हैं और कान्हा नदी की गंदगी मिलती रहती है. इन्हीं आरोपों के बीच मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उज्जैन पहुंचे और शिप्रा नदी के तट दत्त अखाड़ा घाट पर नहान किया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मां क्षिप्रा का पूजन-अर्चन कर चुनरी चढ़ाई. मुख्यमंत्री ने उन लोगों पर निशाना साधा जो लोग चुनावी राजनीति के लिए नदी के प्रदूषण का मुद्दा उठाकर मां क्षिप्रा पर सवाल उठा रहे हैं.
स्नान के पश्चात मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन की पहचान मां क्षिप्रा से है. बाबा महाकाल की इस नगरी में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है. मां शिप्रा के पावन तट पर हमारी परंपरा है कि स्नान के बाद यहां अपने तीर्थ की महत्ता बढ़ाएं. बड़ा दुख होता है कि कभी-कभी लोग मां क्षिप्रा पर प्रश्न करते हैं. हम सब जानते हैं कि यह मां का तट है. इसकी पवित्रता बनाकर रखना चाहिए.
उज्जैन में डॉ मोहन यादव ने कहा, ऐसा माना जाता है कि मां क्षिप्रा के कारण ही बाबा महाकाल यहां अपना धाम बनाए हुए हैं. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक सर्वाधिक महत्व की दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है. यहां पर हर किसी के मन की मुराद पूरी होती है. दुनिया में बड़े से बड़े परिवर्तन जब कभी हुए हैं तो उज्जैन से उनका संबंध जरूर आता है.
पतित पावनी उज्जैनी में मां क्षिप्रा के किनारे आकर स्नान किया. कल से यहां पंचकोशी की बड़ी परिक्रमा प्रारंभ होगी. इस परिक्रमा में लोग आस्था और श्रद्धा से आते हैं.
बता दें कि सीएम यादव गुरुवार को उज्जैन समेत मंदसौर, देवास, राजगढ़ और सागर लोकसभा में चुनाव प्रचार पर रहेंगे. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 2 मई को सुबह 8.30 बजे भोपाल से उज्जैन पहुंचे. सुबह 9.40 बजे उज्जैन लोकसभा क्षेत्र के फ्रीगंज स्थित वार्ड नं. 38 के बूथ क्रमांक 60 पर आयुष्मान लाभ विस्तार अभियान के तहत फॉर्म भरवाकर जनसंपर्क अभियान में शामिल हुए. फिर सीएम ने हीरामिल रोड़ स्थित मनोरमा गार्डन में उज्जैन उत्तर विधानसभा के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया.