MP में आज से लागू हुआ PESA एक्ट, CM शिवराज ने किया ऐलान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी रहीं मौजूद
जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में शहडोल में मध्यप्रदेश में पेसा कानून की नियमावली को जारी किया गया. शहडोल में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी मौजूद रहीं. प्रदेश में लागू हुए पेसा एक्ट के तहत स्थानीय संसाधनों पर स्थानीय अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों की समिति को अधिकार दिए जाएंगे. जानिए इसकी प्रमुख बातें...
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एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो).
- शहडोल,
- 15 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 15 नवंबर 2022, 8:26 PM IST)
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आज से पेसा (PESA) एक्ट लागू हो गया है. प्रदेश के शहडोल जिले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में जनजातीय समुदाय के हित में पेसा एक्ट को लागू किया गया है. कार्यक्रम में मौजूद प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान पेसा एक्ट की 5 प्रमुख बातें भी बताईं.
प्रदेश में लागू हुए पेसा एक्ट के तहत स्थानीय संसाधनों पर स्थानीय अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों की समिति को अधिकार दिए जाएंगे. इससे अनुसूचित जाति और जनजाति वाली ग्राम पंचायतों को सामुदायिक संसाधन जैसे जमीन, खनिज संपदा, लघु वनोपज की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार मिल जाएगा.
पेसा एक्ट की 5 प्रमुख बातें...
- जमीन आपकी
- जल आपका
- जंगल आपके
- श्रमिकों के अधिकारों का विशेष ध्यान
- स्थानीय संस्थाओं, परंपराओं और संस्कृति का संरक्षण और संवर्द्धन
PESA ACT : जमीन के अधिकार को मजबूत किया गया
- एक्ट के तहत अब गांव की जमीन और वन क्षेत्र के नक्शा, खसरा, बी-1 आदि ग्राम सभा को पटवारी और बीट गार्ड हर साल उपलब्ध कराएंगे.
- लोगों को रिकॉर्ड लेने के लिए बार-बार तहसीलों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.
- यदि राजस्व अभिलेखों में कोई गलती पाई जाती है, तो ग्राम सभा को उसमें सुधार के लिए अपनी अनुशंसा भेजने का पूरा अधिकार होगा.
- अधिसूचित क्षेत्रों में बिना ग्राम सभा की सहमति के किसी भी प्रोजेक्ट के लिए गांव की जमीन का भू-अर्जन नहीं किया जाएगा.
- गैर-जनजातीय व्यक्ति या कोई भी अन्य व्यक्ति छल-कपट से, बहला-फुसलाकर, विवाह करके जनजातीय लोगों की जमीन पर गलत तरीके से कब्जा करने नहीं कर सकेगा. फिर भी कोई जमीन खरीदने की कोशिश करे, तो ग्राम सभा को हस्तक्षेप करने का पूरा अधिकार होगा.
- ग्राम सभा को कब्जा किए जाने या खरीदारी की बात पता चलती है, तो वह उस भूमि का कब्जा फिर से जनजातीय व्यक्ति को दिलवा सकेगी. साथ ही ग्राम सभा को ऐसा करने में कोई कठिनाई होती है, तो वो भूमि का कब्जा वापस दिलाने के लिए मामले को उपखंड अधिकारी को भेज सकेगी.
- अधिसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा की अनुशंसा के बिना खनिज के सर्वे, पट्टा देने या नीलामी की कार्यवाही नहीं की जा सकेगी.
- खनिज पट्टों की स्वीकृति में अनुसूचित जनजाति की सहकारी सोसायटियों, महिला आवेदकों और पुरूष आवेदकों को अपनी-अपनी श्रेणियों में प्राथमिकता दी जाएगी.