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भोपाल मेट्रो रेल का ट्रायल रन, CM शिवराज सिंह चौहान दिखाएंगे हरी झंडी

भोपाल मेट्रो रेल परियोजना की स्वीकृत लागत 6941 करोड़ रुपए है. भोपाल में पहले चरण में लगभग 30.95 किलोमीटर पर मेट्रो रेल का काम चल रहा है. इसमें 16.77 किलोमीटर ऑरेंज लाइन- एम्स से करोंद चौराहा और 14.18 किलोमीटर ब्लू लाइन- भदभदा चौराहा से रत्नागिरी तिराहे को जोड़ेगी. 

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भोपाल मेट्रो ट्रेन के ट्रायल की तैयारी.
भोपाल मेट्रो ट्रेन के ट्रायल की तैयारी.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को राजधानी भोपाल मेट्रो रेल ट्रयल रन का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ करेंगे. ट्रायल रन का शुभारंभ कार्यक्रम सुभाष नगर डिपो में होगा. इस दौरान मेट्रो सुभाष नगर स्टेशन से रानी कमलापति स्टेशन तक जाएगी. सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक लगभग 5 किलोमीटर की दूरी है. 

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भोपाल मेट्रो रेल परियोजना की स्वीकृत लागत 6941 करोड़ रुपए है. भोपाल में पहले चरण में लगभग 30.95 किलोमीटर पर मेट्रो रेल का काम चल रहा है. इसमें 16.77 किलोमीटर ऑरेंज लाइन- एम्स से करोंद चौराहा और 14.18 किलोमीटर ब्लू लाइन- भदभदा चौराहा से रत्नागिरी तिराहे को जोड़ेगी. 

बीते 26 अगस्त को ही CM शिवराज सिंह चौहान ने स्मार्ट सिटी पार्क भोपाल में मेट्रो मॉडल कोच का अनावरण किया था. मेट्रो मॉडल कोच मेट्रो ट्रेन का वास्तविक मॉडल है. अनावरण के बाद मॉडल कोच को बच्चों और आमजन के अवलोकन के लिए खोला दिया गया. 

मेट्रो मॉडल कोच का अनावरण करने पहुंचे थे CM शिवराज.

मेट्रो ट्रेन इस प्रकार के 3 कोच से मिल कर बनती है. भोपाल में 5 किलोमीटर और इंदौर में 6 किलोमीटर लंबाई के मेट्रो ट्रायल रन की तैयारी तेजी से की जा रही है. इंदौर में ट्रायल रन शुरू हो चुका है.   

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भोपाल में मेट्रो की ऑरेंज और ब्लू लाइन निर्माणाधीन है, जिसकी कुल लंबाई 31 किलोमीटर और लागत 7 हजार करोड़ रुपए है. ऑरेंज लाइन करोंद चौराहा से एम्स तक 17 किलोमीटर और ब्लू लाइन भदभदा चौराहा से रत्नागिरि चौराहा तक 14 किलोमीटर की लंबाई की है. ऑरेंज लाइन का कार्य तेजी से चल रहा है. वहीं, इंदौर मेट्रो में भी येलो लाइन निर्माणाधीन है. इसकी कुल लंबाई 31 किलोमीटर और लागत 7500 करोड़ है.  

भोपाल-इंदौर मेट्रो ट्रेन की मुख्य बातें:- 

भोपाल-इंदौर मेट्रो को विश्व की अग्रणी तकनीक (ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन-4) से संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स का भी उपयोग किया गया है. इस तकनीक से मेट्रो की सेफ्टी सुनिश्चित करने और ऊर्जा संरक्षण में काफी फायदा होगा.

सीसीटीवी कैमरा प्रणाली: सभी कोच के अंदर 6 इंटरनल कैमरे लगे हैं, जो किसी भी इमरजेंसी या अन्य कारणों के लिए हैं. साथ ही साथ रेल के दोनों इमरजेंसी डोर पर भी कैमरे होंगे.

डिस्प्ले यूनिट: ट्रेन में विभिन्न प्रकार की डिस्प्ले यूनिट लगी रहेंगी, जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान ट्रेन के रूट, गेट खुलने की दिशा, अगला स्टेशन इत्यादि जानकारी मिलती रहेगी.

AC सिस्टम: भोपाल-इंदौर मेंट्रो में रेल में बहुत ही अत्याधुनिक किस्म का एयर कंडीशनिंग सिस्टम लगेगा, जिसकी एयर कूलिंग पैसेजर के लोड के हिसाब से बदलती रहेगी. इसमें वायु निस्पंदन में रोगाणु नियंत्रण की सुविधा है.

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लाइटिंग: लाइटिंग के लिए मेट्रो रेल सेवा में अत्याधुनिक प्रणाली इस्तेमाल में लाई जा रही है. इसके तहत रेल का लाइटिंग लेवल प्राकृतिक रोशनी के हिसाब से बदलता जाएगा. साथ ही रेल की खिड़कियों पर अल्ट्रा वॉयलेट किरणों को रोकने की फिल्म रहेगी.

पीईसीयू (पेसेंजर इमरजेंसी कम्युनिकेशन यूनिट): हर कोच में इसके 4 यूनिट लगे रहेंगे, जिसकी सहायता से किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की चालक से बात हो सके. जीओए-4 व्यवस्था (चालक रहित) में यात्री कंट्रोल यूनिट से सीधे बात कर सकेंगे.

फायर अलार्म, स्मोक अलार्म सिस्टम एवं फायर एक्सटिंग्विशर: प्रत्येक कोच में 4 फायर एवं स्मोक अलार्म लगे रहते हैं, जो किसी भी इमरजेंसी के समय कंट्रोलिंग यूनिट को सूचित करते हैं. साथ ही हर कोच में फायर एक्सटिंग्विशर भी लगे रहेंगे. यात्री की आग से सुरक्षा के लिये सबसे सुरक्षित स्तर यानी HL-3 लेवल से डिजाइन किया गया है.

दरवाजे: हर कोच में कुल 8 दरवाजे होंगे, जिसमें चार एक तरफ और चार दूसरी तरफ होंगे. इसके साथ ही ट्रेन में दोनों डीएमसी कोच में सामने की तरफ एक इमरजेंसी गेट होगा, जो किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्रियों के आपातकालीन निकास के लिये प्रयोग में लाया जा सकेगा. 

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