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गुना बस हादसे की जांच पूरी, प्रभारी कलेक्टर ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को भेजी गोपनीय रिपोर्ट

MP News: अपर कलेक्टर मुकेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में बनाई गई जांच समिति ने घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की. निरीक्षण करने पहुंची टीम में अपर कलेक्टर के साथ एसडीएम दिनेश सांवले, परिवहन विभाग के अधिकारी, बिजली विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. 

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गुना बस हादसे में 13 यात्रियों की हुई थी मौत.
गुना बस हादसे में 13 यात्रियों की हुई थी मौत.

गुना में हुए भीषण बस हादसे की जांच रिपोर्ट भोपाल भेज दी गई है. जिले के प्रभारी कलेक्टर प्रथम कौशिक की ओर से गोपनीय रिपोर्ट मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को भेजी गई है. हादसे में 13 यात्रियों की मौत के बाद सूबे के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव 28 दिसंबर को गुना पहुंचे थे. मुख्यमंत्री ने तत्काल एक एक जांच समिति का गठन करने का आदेश देते हुए तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी थी. 

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अपर कलेक्टर मुकेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में बनाई गई जांच समिति ने घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की. निरीक्षण करने पहुंची टीम में अपर कलेक्टर के साथ एसडीएम दिनेश सांवले, परिवहन विभाग के अधिकारी, बिजली विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. 

घटनास्थल का निरीक्षण करने के दौरान सिकरवार ट्रेवल्स की बस MP08 P 0199 की वस्तुस्थिति का जायज़ा लिया गया. हादसे के बाद बस में आग कैसे लगी, इसकी जांच की गई? क्या बस के अंदर कोई ज्वलनशील पदार्थ जैसे पेट्रोल या केरोसिन मौजूद था? इसका भी विश्लेषण किया गया है. आग लगने के कितने समय बाद घटनास्थल पर फायर बिग्रेड पहुंची. बस के डीज़ल टैंक का भी निरीक्षण किया गया. घटनास्थल से जले हुए मोबाइल, कागज़ात,जले हुए बाल समेत कई सेम्पल्स इकट्ठा किए गए. घटना का समय, वाहन की गति, बस और डंपर चालक का बैकग्राउंड की रिपोर्ट भी जुटाई गई. सेमरी घाटी पर मोड़ की वजह से क्या बस या डंपर अनियंत्रित हुआ? इसकी भी जानकारी जांच रिपोर्ट में साझा की गई है.

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जांच समिति द्वारा तीन दिन के अंदर रिपोर्ट तैयार की गई है.  जांच समिति ने सिकरवार ट्रैवल्स के द्वारा संचालित बिना परमिट बिना फिटनेस के संचालित बसों का हवाला दिया है. जिसे विशेष वाहक के द्वारा भोपाल भेजा गया है.
 
हादसे में मारे गए 13 यात्रियों में से केवल 02 ही लोगों की पहचान हो सकी है. जब तक DNA रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक शवों की पहचान हो पाना मुश्किल है.

जिले के प्रभारी कलेक्टर प्रथम कौशिक ने बताया कि DNA जांच के लिए मृतकों के सैंपल ग्वालियर भेजे गए थे,जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती परिवारवालों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा भी नहीं दिया जा सकता.  रिपोर्ट आते ही मुआवजा वितरण किया जाएगा. हालांकि, घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दे दी गई है.
 
बता दें कि 27 दिसंबर को रात्रि लगभग 8.30 बजे हुए बस हादसे ने पूरे मध्यप्रदेश समेत देश को हिला कर रख दिया था. राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की थीं. मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने गुना पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की थी और सख्त एक्शन लेते हुए कलेक्टर, एसपी, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का तबादला किया था. परिवहन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी और सीएमओ नगरपालिका को निलंबित करने के आदेश दिए थे. हादसे को लेकर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव शुरू से ही जीरो टॉलरेंस के मूड में हैं. माना जा रहा है कि जांच रिपोर्ट के बाद कुछ और भी कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है.

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